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बैंक प्रबंधक ने कन्नड़ बोलने से इनकार किया, सिद्धरमैया ने निंदा की

बेंगलुरु. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को अनेकल तालुक में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शाखा प्रबंधक के कन्नड़ में बात करने से इनकार करने के व्यवहार की निंदा की. सोशल मीडिया पर एक वीडियो आया था, जिसमें कथित तौर पर एक ग्राहक के साथ वह कन्नड़ भाषा को लेकर बहस करती हुई सुनी जा सकती हैं.

मंगलवार को सामने आए वीडियो में ग्राहक के साथ कथित बहस के दौरान, प्रबंधक को यह कहते हुए सुना जा सकता है ”मैं कन्नड़ में बिल्कुल बात नहीं करूंगी…….बल्कि हिंदी में बात करूंगी.” उन्हें बार-बार यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह कन्नड़ में बात नहीं करेंगी, जबकि ग्राहक ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि बैंक कर्मचारियों को क्षेत्रीय भाषा में संवाद करना आवश्यक है.

इस घटना की कन्नड़ कार्यकर्ताओं और कन्नड़ समर्थक समूहों ने कड़ी निंदा की. उन्होंने प्रबंधक द्वारा माफी मांगे जाने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में अधिकारी को स्थानांतरित करने की एसबीआई की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा, ”सूर्य नगर, अनेकल तालुक में एसबीआई शाखा प्रबंधक का कन्नड़ और अंग्रेजी में बात करने से इनकार करना और नागरिकों के प्रति अनादर दिखाना, अत्यंत निंदनीय है. हम अधिकारी को स्थानांतरित करने की एसबीआई की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हैं. अब इस मामले को समाप्त माना जा सकता है.” हालांकि, सिद्धरमैया ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए और सभी बैंक कर्मचारियों को ग्राहकों के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए तथा स्थानीय भाषा में बात करने का हरसंभव प्रयास करना चाहिए.

उन्होंने हैशटैग ‘कन्नड़ फर्स्ट’ के साथ लिखा, ”मैं केंद्रीय वित्त मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग से पूरे भारत में सभी बैंक कर्मचारियों के लिए सांस्कृतिक और भाषा संवेदीकरण प्रशिक्षण अनिवार्य करने का आग्रह करता हूं.” उन्होंने कहा कि स्थानीय भाषा का सम्मान करना लोगों का सम्मान करना है. बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा के सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी प्रबंधक के बर्ताव की निंदा करते हुए कहा, ”यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है.” उन्होंने कहा कि कर्नाटक में बैंकों को ग्राहकों की सेवा कन्नड़ में करनी चाहिए.

सूर्या ने बताया कि कुछ सप्ताह पहले ही लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक में उन्होंने वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव के समक्ष यह मुद्दा उठाया था, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि ऐसी भूमिकाओं के लिए स्थानीय भाषा में प्रवीणता अनिवार्य होने संबंधी कार्यालयीन अधिसूचना लागू करने के लिए कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा, ”ऐसा लगता है कि इसे उचित तरीके से लागू नहीं किया जा रहा. मैं एसबीआई के संबंधित अधिकारियों से डीएफएस की नीति को तत्काल लागू करने का आग्रह करता हूं जिसमें स्थानीय भाषा का ज्ञान आवश्यक है. मैंने संबंधित अधिकारियों से इस तरह का व्यवहार करने वाली प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है.” इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी टी वी मोहनदास पई ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से पूरी तरह सहमत हैं और सभी ग्राहकों का सम्मान किया जाना चाहिए.

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ”प्रत्येक राज्य या जिले में सेवा क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को स्थानीय भाषा में बोलने का पूरा प्रयास करना चाहिए और स्थानीय नागरिकों के प्रति गरिमा और सम्मान प्रकट करना चाहिए. गैर-अंग्रेजी भाषी लोगों को कभी नीचा नहीं दिखाया जाए. स्थानीय भाषा की जगह हिंदी कोई स्वाभाविक भाषा नहीं है.”

शिवा निषाद

संपादक- शिवा निषाद सरायपाली सिटी न्यूज मेन रोड, चेक पोस्ट, झिलमिला सरायपाली मो. 8871864161, 8319644944

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