फाजिल के परिजनों को मिले मुआवजे व हिंदू कार्यकर्ता की हत्या में ‘संबंध’ की जानकारी नहीं: सिद्धरमैया


हावेरी. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने रविवार को कहा कि उन्हें ऐसी खबरों के बारे में जानकारी नहीं है जिनमें कहा गया है कि मोहम्मद फाजिल के परिजनों को दिए गए मुआवजे का इस्तेमाल कथित तौर पर हिंदू संगठन के कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की हत्या में शामिल हत्यारे को सुपारी देने के लिए किया गया था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मामले पर गृह मंत्री परमेश्वर और दक्षिण कन्नड़ के जिला प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडू राव से चर्चा करेंगे और अधिक जानकारी हासिल करेंगे. वर्ष 2022 में सूरतकल में नकाबपोश लोगों के एक गिरोह ने फाजिल की हत्या कर दी थी. अपराध के कई मामलों में शामिल सुहास शेट्टी इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी है.
सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ”मुझे इसकी जांच करानी होगी. मेरे पास कोई जानकारी नहीं है. कल दिनेश गुंडू राव और गृह मंत्री (जी परमेश्वर) वहां गए थे. मैंने अभी तक उनसे बात नहीं की है. मैं उनसे बात करने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा.” वह पुलिस जांच से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें खुलासा हुआ है कि 2022 में फाजिल की हत्या के बाद राज्य सरकार द्वारा उसके परिवार को दिए गए 25 लाख रुपये के मुआवजे में से पांच लाख रुपये कथित तौर पर सुहास शेट्टी को खत्म करने के लिए हत्यारों को सुपारी के तौर पर दिए गए थे.
सुहास शेट्टी की शुक्रवार को हत्या कर दी गई थी. इस मामले में फाजिल के भाई समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्रदायिक मुद्दों से निपटने के लिए कार्यबल (टास्क फोर्स) के गठन के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि परमेश्वर ने कहा है कि असामाजिक तत्वों की पहचान करने और उन्हें काबू में करने के लिए पुलिस की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ”मैं इस बारे में (टास्क फोर्स) गृह मंत्री से बात करूंगा और फिर आपको बताऊंगा.” जातिगत जनगणना कराने के केंद्र के फैसले के बारे में उन्होंने कहा कि भाजपा नेता जातिगत जनगणना कराने के लिए उनकी आलोचना करते रहे हैं और आरोप लगाते रहे हैं कि वह जातियों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं. सिद्धरमैया ने कहा, ”अब वे क्या कह रहे हैं? आज वे इसका (जातिगत जनगणना) पूरे दिल से स्वागत कर रहे हैं. यह स्पष्ट है कि वे तथ्यों के आधार पर नहीं बल्कि राजनीतिक कारणों से इसका विरोध कर रहे थे.”