आयुष्मान भारत योजना नहीं लागू करने वाले राज्यों की सरकारें बाहर हो गईं, अब बंगाल की बारी: नड्डा

नयी दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को राजनीतिक विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन सत्तारूढ़ दलों ने अपने राज्यों में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं की, वे सत्ता से बाहर हो गए और अब पश्चिम बंगाल की बारी है.
दिल्ली सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को लागू करने के लिए पांच अप्रैल को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के बाद प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के कार्यान्वयन के लिए केंद्र के साथ एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. पीएम-एबीएचआईएम को यह सुनिश्चित करने के लिए अक्टूबर 2021 में शुरू किया गया था ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा भविष्य की महामारियों और बीमारियों के प्रकोप का प्रभावी ढंग से प्रबंधन कर सके.
एमओयू पर हस्ताक्षर करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि एबी-पीएमजेएवाई दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य-कवरेज कार्यक्रम है, जिसके तहत वर्तमान में 62 करोड़ लोग लाभान्वित हो रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह गर्व की बात है कि दिल्ली में 36 लाख लोग अब आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई से लाभान्वित होंगे.” नड्डा ने यह भी बताया कि दिल्ली में आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के लागू होने से 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिक आयुष्मान वय वंदना योजना के अंतर्गत आएंगे, भले ही उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो.
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 8.19 करोड़ लोग पहले ही इलाज करा चुके हैं और सरकार ने इसके लिए कुल 1.26 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं. नड्डा ने कहा कि लाभार्थियों में से 19 लाख वंचित लोग हैं जो आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कवरेज के बिना इन उपचारों का खर्च नहीं उठा सकते थे.
नड्डा ने कहा, “आयुष्मान भारत योजना के परिणामस्वरूप, आज जेब से होने वाला खर्च 62 प्रतिशत से घटकर 38 प्रतिशत रह गया है.” उन्होंने दोहराया कि एबी-पीएमजेएवाई एक “आश्वासन” है न कि “बीमा” योजना, जिसके तहत सरकार लाभार्थियों को पांच लाख रुपये के स्वास्थ्य कवरेज का आश्वासन देती है और उसके ऊपर, दिल्ली सरकार ने पांच लाख रुपये और जोड़े हैं, जिससे कुल कवरेज 10 लाख रुपये हो गया है. नड्डा ने कहा कि दिल्ली को सात साल तक एक काला अध्याय झेलना पड़ा, क्योंकि भले ही यह योजना 2018 में शुरू की गई थी, लेकिन छह लाख बुजुर्गों सहित 36 लाख लोग इसके लाभ से वंचित रहे.
उन्होंने कहा, “आपको इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि जब गलत सरकार सत्ता में आती है तो आपके अधिकारों में कैसे कटौती होती है. और जब सही सरकार आती है, तो आपको 50 दिनों के भीतर वह मिलता है जो आपका हक है.” नड्डा ने कहा कि तीन राज्यों ने आयुष्मान भारत योजना को लागू करने से इनकार कर दिया था. भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “एक राज्य ओडिशा था, जहां पिछली सरकार गिर गई और कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) खिल गया. दूसरा राज्य दिल्ली था, जहां सरकार सत्ता से बाहर हो गई और कमल खिल गया. अब, केवल एक राज्य, पश्चिम बंगाल बचा है. वहां भी कमल खिलेगा और सरकार को बाहर कर दिया जाएगा.” उन्होंने कहा कि जो सरकारें लोगों के साथ अन्याय करती हैं, वे टिकती नहीं हैं.
नड्डा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के वास्ते 64,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे और इसलिए, 2021-22 में पीएम-एबीएचआईएम को लागू किया गया. उन्होंने कहा कि पीएम-एबीएचआईएम के हिस्से के रूप में, दिल्ली को 2,406 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन पिछली आप सरकार इसके कार्यान्वयन को रोकने के लिए शीर्ष अदालत भी गई थी. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य हमेशा भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र की प्राथमिकता रही है.
उन्होंने कहा, ”स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार और गुणवत्तापूर्ण व सस्ती दवाओं को आम जनता तक पहुंचाने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा पोषण, योग, ध्यान आदि पर जोर दिया है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र पर दिए जा रहे जोर को दर्शाता है.” गुप्ता ने बताया कि “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए, योजना अवधि के दौरान पीएम-एबीएचआईएम के तहत 1,139 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एएएम) की स्थापना, 11 एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (आईपीएचएल) और नौ क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) को मजबूत करने के लिए 1,749 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है.” उन्होंने कहा कि एएएम पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा स्थापित मोहल्ला क्लीनिकों की तुलना में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगे.
गुप्ता ने कहा कि जब आयुष्मान भारत शुरू किया गया था, तो दिल्ली के मुख्यमंत्री से इसे लागू करने के लिए कहा गया था, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी पिछले कई वर्षों से इन स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रही. नड्डा और अन्य गणमान्य लोगों ने दिल्ली में 30 एबी-पीएमजेएवाई लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड वितरित किए. लाभार्थियों ने दिल्ली की आबादी के विभिन्न सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल का प्रतिनिधित्व किया.