रीमा दास की फिल्म “विलेज रॉकस्टार” को अंतरराष्ट्रीय फ्रोएन फिल्म महोत्सव में मिला शीर्ष पुरस्कार


मुंबई. फिल्मकार रीमा दास को जर्मनी में 42वें अंतरराष्ट्रीय फ्रोएन फिल्म महोत्सव (आईएफएफएफ) में “विलेज रॉकस्टार्स 2” के लिए ‘इंटरनेशनल फीचर फिल्म कंपटीशन फॉर वुमेन डायरेक्टर्स’ पुरस्कार से नवाजा गया है. आईएफएफएफ जर्मनी में फिल्म उद्योग में महिलाओं के लिए सबसे बड़ा मंच है. इसमें सभी विधाओं व शैलियों में महिलाओं की बनाईं उत्कृष्ट फिल्म दिखाई जाती हैं.
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता भारतीय फिल्म “विलेज रॉकस्टार्स” (2017) के बाद आई “विलेज रॉकस्टार्स 2” का 2024 में बुसान इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव में विश्व प्रीमियर हुआ, जहां इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए ‘किम जिसेक’ पुरस्कार मिला था.
बाद में भारत में एमएएमआई मुंबई फिल्म महोत्सव के दक्षिण एशिया प्रतियोगिता खंड में इस फिल्म का प्रीमियर हुआ और फिर र्बिलनले अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2025 में इसका यूरोपीय प्रीमियर हुआ. आईएफएफएफ निर्णायक मंडल ने दास की प्रशंसा की.
निर्णायक मंडल ने प्रशस्ति पत्र में कहा, “यह पुरस्कार एक ऐसी महिला को दिया जा रहा है जिसने बिना किसी औपचारिक फिल्म स्कूल प्रशिक्षण के, स्वतंत्र रूप से अपनी कलात्मक आवाज और अभ्यास को विकसित किया है. सात वर्षों में, उसने अविश्वसनीय कोमलता, सटीकता और साहस के साथ किरदारों की वास्तविकताओं को पेश करने के कठिन कार्य में महारत हासिल की.” फिल्म की निर्माता, पटकथा लेखक, छायाकार और संपादक की भूमिकाएं निभाने वालीं दास ने इस पुरस्कार को दुनिया भर की महिला कहानीकारों को सर्मिपत किया. दास ने कहा, “यह पुरस्कार सिर्फ मेरे लिए नहीं है, बल्कि इसमें हर वह महिला शामिल है जो ईमानदारी और साहस के साथ अपनी कहानी पेश करती है. सिनेमा हमारी सच्चाई, हमारे संघर्ष और हमारी आकांक्षाओं को दर्शाने का एक जरिया है.”
असम के एक गांव की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म “विलेज रॉकस्टार 2” एक किशोर लड़की की कहानी है जो संगीत के प्रति अपने जुनून को पूरा करने के साथ-साथ ग्रामीण जीवन को समझने की पूरी कोशिश करती है, तथा अप्रत्याशित परिस्थितियों के बीच खुद की खोज और सहनशीलता की यात्रा पर निकलती है.