रूस-युक्रेन युद्ध पर विराम लगाने के लिए लंदन में होने वाली अहम बैठक टली

कीव. रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से चल रहे युद्ध के समापन के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में प्रगति के नाममात्र संकेत के बीच इन दोनों देशों के बीच संघर्षविराम समझौते को लेकर ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और यूक्रेन के राजनयिकों के बीच निर्धारित बैठक आखिरी घड़ी में टल गयी.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने घोषणा की थी कि लंदन में होने वाली वार्ता में केवल निचले स्तर के अधिकारी ही शामिल होंगे. उससे पहले मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते इसमें भाग लेने में असमर्थ हैं.
रुबियो के अचानक पीछे हटने से वार्ता की दिशा को लेकर संदेह पैदा हो गया. यह तब हुआ जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज.ेलेन्स्की ने किसी भी संभावित शांति समझौते के हिस्से के रूप में रूस को अपने देश का कोई भी इलाका सौंपने से इनकार कर दिया और इसे एक बेकार की बात कहा.
यूक्रेनी नेता ने मंगलवार को उन खबरों के जवाब में यह बात कही, जिनमें कहा गया था कि ट्रंप प्रशासन एक ऐसे सौदे का प्रस्ताव पेश करने जा रहा है, जो रूस को संभावित शांति समझौते के हिस्से के रूप में, कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्र को अपने पास रखने की अनुमति देगा.
वार्ताकार तो 30 दिन का सीमित युद्धविराम भी सुनिश्चित नहीं कर पाये क्योंकि दोनों पक्ष 1,000 किलोमीटर लंबी अग्रिम सीमा पर एक-दूसरे पर लगातार आक्रमण कर रहे हैं .
क्षेत्रीय प्रमुख सेरही ल्यासक ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा कि बुधवार सुबह पूर्वी यूक्रेन में द्निप्रोपेत्रोव्स्क क्षेत्र के मार्गनेत्स में एक रूसी ड्रोन ने श्रमिकों को ले जा रही बस पर हमला किया, जिसमें सात महिलाओं और दो पुरुषों की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि इस हमले में 40 से अधिक लोग घायल भी हो गए. अमेरिकी योजना में बदलाव के बावजूद यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल लंदन पहुंचा.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध को समाप्त करने पर जोर दिया है और पिछले सप्ताह कहा कि वार्ता ह्लअपने चरम पर पहुंच रही हैह्व.
हालांकि, इससे पहले रुबियो ने कहा था कि अगर वार्ता में प्रगति नहीं होती है तो अमेरिका जल्द ही वार्ता से पीछे हट सकता है.
रुबियो ने संकेत दिया था कि बुधवार की बैठक यह निर्धारित करने में निर्णायक हो सकती है कि ट्रंप प्रशासन इसमें शामिल रहेगा या नहीं.
बैठक के लिए अब भी भाग लेने को यूक्रेन और रूस के लिए ट्रंप के दूत सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कीथ केलॉग हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने एक्स पर कहा कि बदलावों के बावजूद उनके, विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा और रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव का एक प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए लंदन पहुंच गया है. यरमक ने कहा, ”शांति का मार्ग आसान नहीं है, लेकिन यूक्रेन शांतिपूर्ण प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध रहा है और रहेगा.
रूसी अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के इस सप्ताह के अंत में फिर से मास्को आने की उम्मीद है.
ज.ेलेंस्की ने मास्को को यूक्रेन के इलाके सौंपने से इनकार कर दिया. लंदन में योजनाओं में अचानक बदलाव इस अटकल के बीच हुआ कि अमेरिका संभावित शांति समझौते के तहत यूक्रेन पर रूस को उसके कब्जे वाले इलाके सौंपने के लिए दबाव डालेगा.