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पहलगाम हमला: शहीद नौसेना अधिकारी विनय नरवाल को पत्नी ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

चंडीगढ़/कोच्चि/गुवाहाटी/पहलगाम/कानपुर/मुंबई/भुवनेश्वर/बेंगलुरु/जयपुर. भारतीय नौसेना के अधिकारी विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने तिरंगे में लिपटे अपने पति के ताबूत को गले लगाकर अंतिम विदाई दी. अंतिम विदाई समारोह में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति की आंखों में आंसू थे. विनय और हिमांशी का विवाह 16 अप्रैल को हुआ था और दोनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में ‘हनीमून’ के लिए गये थे.  पहलगाम के बैसरन में आतंकवादियों ने हिमांशी के सामने ही विनय की निर्मम हत्या कर दी. गुरुग्राम की रहने वाली हिमांशी पीएचडी कर रही हैं.

हिमांशी ने कहा, “भगवान उनकी (विनय नरवाल) आत्मा को शांति दे. हमें उन पर हर तरह से गर्व होना चाहिए. और हम उन्हें हर तरह से गौरवान्वित करेंगे.” नरवाल का पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर कश्मीर से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआई) लाया गया, जहां से उन्हें हरियाणा के करनाल स्थित उनके पैतृक स्थान ले जाया गया. हिमांशी ने आईजीआई पर अपने पति नरवाल को सलाम करते हुए कहा, ‘जय हिंद.’ दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हवाई अड्डे पर नरवाल (26) को श्रद्धांजलि दी और हिमांशी को सांत्वना देने की भी कोशिश की.

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार सुबह नरवाल के दादा को ‘वीडियो कॉल’ किया, जिसमें उनके दादा ने अपराधियों को कड़ी सजा देने और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई किए जाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की.
उन्होंने मुख्यमंत्री सैनी से कहा, ”आज मैंने अपना पोता खोया है, ऐसे ही कल किसी और के साथ यह सब बीत सकता है.” सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक कथित वीडियो में हिमांशी को यह कहते हुए सुना जा सकता हैं, “मैं भेलपुरी खा रही थी और मेरे पति भी वहीं थे. एक व्यक्ति आया और पूछा कि क्या वह मुस्लिम है और जब उसने इनकार किया तो उस व्यक्ति ने उन्हें गोली मार दी.” लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को उनके सहर्किमयों ने एक हंसमुख और सर्मिपत अधिकारी बताया.

नौसेना के एक अधिकारी ने कहा, “लेफ्टिनेंट नरवाल हमेशा हंसमुख और अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहते थे.” अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा के रहने वाले 26-वर्षीय नरवाल 2022 में नौसेना में शामिल होने के बाद पिछले डेढ़ वर्ष से कोच्चि में नौसेना की दक्षिणी कमान में तैनात थे.

परिवार के साथ छुट्टी मनाने गए बुजुर्ग केरलवासी की मौत

केरल के एडपल्ली निवासी रामचंद्रन का पर्यटन के प्रति प्रेम मंगलवार को तब दुखांत में बदल गया जब कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. वह आतंकवादी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों में शामिल हैं. रामचंद्रन पर हमला उनकी बेटी के सामने हुआ, जो अपने माता-पिता से मिलने दुबई से आई थी. रामचंद्रन (65) अपनी पत्नी, बेटी और नाती-नातिनों के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर गए थे.

पारिवारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि उनकी बेटी के सामने ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के कार्यालय ने मंगलवार देर रात आतंकवादी हमले में रामचंद्रन की मौत की पुष्टि की, लेकिन अधिक जानकारी नहीं दी.
आज सुबह एडपल्ली स्थित रामचंद्रन के घर पहुंचे उनके मित्रों एवं परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे स्तब्ध हैं और उन्हें अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि रामचंद्रन नहीं रहे.

कई वर्षों तक संयुक्त अरब अमीरात में काम करने के बाद रामचंद्रन कुछ वर्ष पहले अपनी पत्नी शीला के साथ कोच्चि लौट आए थे.
रामचंद्रन की बेटी के हवाले से एक पारिवारिक मित्र ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने आतंकवादियों को सैन्यकर्मी समझ लिया था.
उन्होंने कहा, ”आतंकवादियों ने अचानक अपनी बंदूकें निकालीं और उनके नाम पूछे. फिर उन्होंने रामचंद्रन से कलमा पढ़ने को कहा. जब उसने कहा कि वह मुसलमान नहीं है, तो उन्होंने अगले ही पल उन्हें गोली मार दी.” दोस्त ने बताया कि बंदूक उसकी बेटी पर भी तान दी गई थी, लेकिन वह बच्चों के साथ भागने में सफल रही. उसने कहा, ”बच्चे रो रहे थे. जब आतंकवादियों का ध्यान उन पर गया, तो वह भागने में सफल रही.” अपने आंसुओं को रोकने की कोशिश करती एक महिला रिश्तेदार ने बताया कि वृद्ध दंपति अपनी बेटी और नाती-नातिनों के साथ कश्मीर गया था, जो दुबई से छुट्टियां मनाने यहां आए थे.

असम सरकार आतंकवादी हमले में जीवित बचे परिवार को जम्मू-कश्मीर से लाने की व्यवस्था कर रही

असम सरकार जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले में जीवित बचे एक परिवार को वापस लाने के लिए व्यवस्था कर रही है. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बुधवार को यह जानकारी दी. दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर एक प्रमुख पर्यटन स्थल पर मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. इनमें अधिकतर पर्यटक थे.

सीएमओ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”असम के मुख्यमंत्री कार्यालय ने पहलगाम आतंकी हमले में जीवित बचे असम के एक व्यक्ति से बात की है और कल उनके साथ हुई घटना की पूरी जानकारी ली.” पोस्ट में कहा गया है, ”पूरे परिवार की असम वापसी की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है और असम सरकार परिवार को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए भारत सरकार के संपर्क में है.” इस बीच, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि वह व्यक्ति सिलचर में असम विश्वविद्यालय का संकाय सदस्य है और वह अवकाश लेकर परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे.

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पर्यटकों को बचाने की कोशिश में जान गंवाने वाले ‘टट्टूवाले’ की सराहना की
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहलगाम में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों में शामिल 30 वर्षीय टट्टूवाले के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और हथियारबंद हमलावरों के खिलाफ खड़े होने के उसके साहस की सराहना की. खच्चर पर पर्यटकों को सैर कराने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह को पहलगाम के हापतनार्द गांव में उनके पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया गया, जहां सैकड़ों शोकसंतप्त लोगों ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी और उनके बलिदान को सलाम किया.

अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं शाह के लिए ‘फातेहा’ (दफन के बाद की प्रार्थना) पढ़ने पहलगाम पहुंचा. पर्यटकों को बचाने के लिए साहसिक प्रयास के दौरान एक आतंकवादी से हथियार छीनने की कोशिश करते समय गोली लगने से उनकी मौत हो गई. वह पर्यटकों को खच्चर पर बिठाकर पार्किंग क्षेत्र से बैसरन ले जा रहे थे.” मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर अपने कार्यालय द्वारा साझा किए गए एक पोस्ट में लिखा, “शाह के शोकाकुल परिवार से मुलाकात की और उन्हें पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया. आदिल (शाह) एकमात्र कमाने वाले थे, और उनकी असाधारण बहादुरी व बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा.” शाह के छोटे भाई सैयद नौशाद ने बताया कि शाह काम के लिए पहलगाम गए थे.

कानपुर के शुभम द्विवेदी भी मृतकों में शामिल, मुख्यमंत्री ने फोन कर प्रकट की संवेदना

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों में उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी 31 वर्षीय व्यवसायी शुभम द्विवेदी भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभम के पिता को फोन करके संवेदना प्रकट की है. आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में कायरतापूर्ण आतंकी हमले में जनपद कानपुर के शुभम द्विवेदी जी का निधन अत्यंत दु:खद है. आज दूरभाष पर उनके पिता श्री संजय द्विवेदी जी से बात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं.” उन्होंने इसी पोस्ट में कहा कि दु?ख की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता से परिवार के साथ खड़ी है और प्रदेश के संबंधित अधिकारियों को पार्थिव शरीर को ससम्मान कानपुर लाने के लिए निर्देशित किया है.

आदित्यनाथ ने कहा, “प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दु?ख सहने की शक्ति दें.” शुभम की शादी इसी साल 12 फरवरी को हुई थी और उनकी हत्या उनकी पत्नी आशान्या के सामने हुई.
सीमेंट व्यवसाय से जुड़ी एक ट्रेडिंग कंपनी चलाने वाले शुभम 16 अप्रैल को अपनी पत्नी और परिवार के नौ अन्य सदस्यों के साथ जम्मू-कश्मीर में एक सप्ताह की छुट्टी मनाने गये थे. उनके माता-पिता, बहन, बहनोई और उनकी बहन के ससुराल के लोगों ने पहलगाम पहुंचने से पहले सोनमर्ग और गुलमर्ग का दौरा किया था.

शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी के अनुसार नवविवाहित जोड़े ने मंगलवार को दोपहर में पहलगाम में घुड़सवारी करने का फैसला किया, जबकि परिवार के बाकी लोग अपने होटल के पास ही रुके थे. उन्होंने बताया कि इसी दौरान दो-तीन आतंकवादी शुभम और उसकी पत्नी के पास पहुंचे और हमलावरों ने उनसे पहचान पूछने के बाद शुभम के सिर में गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई. शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने मनोज को फोन पर यह खबर दी. द्विवेदी ने बताया कि परिजन शुभम का शव कानपुर वापस लाने के लिए दिल्ली रवाना हो चुके हैं. पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और इस मुश्किल घड़ी में उनकी मदद के लिए अधीनस्थों को जरूरी निर्देश दिए हैं.

पहलगाम हमले की खबर टीवी पर देखी, उम्मीद नहीं थी कि हमारा सहयोगी भी पीड़ितों में शामिल है: रेल अभियंता

मुंबई में रेलवे कार्यशाला में अभियंता अतुल मोने के सहकर्मी पहलगाम आतंकवादी हमले की खबर टेलीविजन पर देखकर स्तब्ध रह गए, लेकिन उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उन पीड़ितों में उनका अपना सहयोगी भी शामिल है. सहयोगियों ने बताया कि बाद में उन्हें इस भयानक हमले में मोने की मौत की जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि इससे वे स्तब्ध हैं और स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि उनका मित्र और सहकर्मी अब इस दुनिया में नहीं रहा.

मोने के शोकग्रस्त सहर्किमयों के पास अब केवल उनकी अच्छी यादें ही बची हैं. उन्होंने कहा कि मोने एक प्रतिभाशाली और मिलनसार व्यक्ति थे. दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटक स्थल पर मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए. मृतकों में अधिकतर पर्यटक थे. हमले में कई अन्य घायल हुए हैं.

परेल स्थित मध्य रेलवे की ब्रिटिशकालीन कार्यशाला में बुधवार को गमगीन माहौल था. कार्यशाला के मुख्य प्रवेश द्वार के निकट एक मेज पर मोने के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप फूलों से सजी उनकी तस्वीर रखी गई थी. रेलवे कर्मचारी संघों ने आतंकवादी हमले की निंदा करने तथा मोने को श्रद्धांजलि देने के लिए आसपास के क्षेत्र में बोर्ड लगाए हैं. पड़ोसी ठाणे जिले के डोंबिवली निवासी मोने (43) यहां रेलवे कार्यशाला की व्हील शॉप में वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे. वह अपने परिवार और मित्रों के साथ एक सप्ताह की छुट्टी पर कश्मीर गए थे.

मोने के सहयोगी राजेश नादर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्हें पहलगाम आतंकवादी हमले के बारे में मंगलवार शाम लगभग साढ़े पांच बजे जानकारी मिली, लेकिन उन्हें इसकी आशंका भी नहीं थी कि मोने भी पीड़ितों में शामिल है. नादर ने बताया कि मोने की कुशल क्षेम जानने के लिए उन्होंने रात लगभग आठ बजे उन्हें व्हाट्सऐप कॉल किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई.

महीनों तक पैसे जोड़कर कश्मीर गए ओडिशा के व्यक्ति की आतंकी हमले में मौत, भाई ने दी जानकारी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में पत्नी और नौ वर्ष के बेटे के सामने जान गंवाने वाले ओडिशा के निवासी प्रशांत सत्पथी महीनों तक पैसे बचाकर कश्मीर की यात्रा पर गए थे और इसे लेकर काफी उत्साहित थे. प्रशांत के परिवार ने बुधवार को यह जानकारी दी. पर्यटक के बड़े भाई सुशांत ने बताया कि प्रशांत की मौत की खबर सुनकर मां सदमे के कारण कुछ बोल नहीं पा रहीं.

उन्होंने कहा, “प्रशांत ने इस यात्रा के लिए महीनों तक पैसे बचाए थे और वह इसके लिए बहुत उत्साहित था.” ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित केंद्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) में लेखा सहायक के रूप में कार्यरत प्रशांत (40) पत्नी और बेटे के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर गए थे.

प्रशांत की पत्नी प्रियदर्शनी आचार्या ने जम्मू-कश्मीर के एक ओडिया समाचार चैनल को बताया, “जब हम बैसरन में रोपवे से उतर रहे थे, तभी प्रशांत के सिर में गोली लगी… वह वहीं ही गिर पड़े. सेना एक घंटे बाद आई.” प्रियदर्शनी, उनके बेटे तनुज कुमार सत्पथी और प्रशांत के तीन रिश्तेदार हमले की खबर सुनकर श्रीनगर पहुंच गए हैं. वे प्रशांत का शव लेकर आएंगे. शव बुधवार रात तक भुवनेश्वर लाए जाने की उम्मीद है.

बालासोर जिले के रेमुना ब्लॉक के इशानी गांव में गम का माहौल है. स्थानीय लोग और राजनीतिक नेता प्रशांत सत्पथी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के निर्देशानुसार, दिल्ली में ओडिशा के रेजिडेंट कमिश्नर शव की वापसी के लिए समन्वय कर रहे हैं. स्थानीय लोग प्रशांत को श्रद्धांजलि देने के लिए शव को गांव लाए जाने का इंतजार कर रहे हैं. प्रशांत के परिवार ने कहा कि वे बृहस्पतिवार को अंतिम संस्कार कराने की व्यवस्था कर रहे हैं और ओडिशा सरकार के प्रतिनिधियों के इसमें शामिल होने की उम्मीद है.

बेंगलूर निवासी सुजाता ने अपनी आंखों से देखा पति को गोली लगकर मरते हुए

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को 26 लोगों की जिंदगी छीन लेने वाले आतंकवादी हमले के बाद कर्नाटक के दो परिवार शोक में डूब गए हैं. बेंगलुरु के भारत भूषण अपनी पत्नी सुजाता और तीन वर्षीय बेटे के साथ पहलगाम गये थे. उनकी आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इस हमले में सुजाता और उनका तीन वर्षीय बेटा बाल-बाल बच गये. बेंगलुरु के मट्टिकेरे में रह रहीं सुजाता की मां विमला के अनुसार भारत की उनकी पत्नी और बेटे के सामने हत्या कर दी गयी.

विमला ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया,”मेरी बेटी ने कुछ देर पहले मुझे फोन किया. उसने बताया कि वह सेना के शिविर में सुरक्षित है और जब उसका भाई पहलगाम पहुंचेगा तब वह अपने पति का शव लेने अस्पताल जाएगी. उसने मुझे बताया कि गोलीबारी उसके सामने ही हुई.” उन्होंने बताया कि जब सुजाता को पता चला कि उसके पति की मौत हो चुकी है तो उसने भारत भूषण का पहचान पत्र उठाया और अपने बेटे के साथ वहां से भाग गई.

पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले अन्य व्यक्ति मंजूनाथ राव की बहन रूपा ने शिवमोगा में कहा कि उनका परिवार छुट्टियों में पहली बार राज्य से बाहर यात्रा पर गया था. उनके अनुसार, मंजूनाथ के एक दोस्त ने अपराह्न करीब साढ़े चार बजे फोन कर बताया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. रूपा ने कहा, ”लेकिन हमें समाचारों के माध्यम से उनकी मृत्यु के बारे में पता चला.” तीर्थहल्ली में अपने पैतृक घर में छुट्टियां मना रही रूपा ने बताया कि उनके भाई अपनी पत्नी और बेटे के साथ पहलगाम गए थे. उन्होंने कहा, ”यह उनकी कश्मीर की पहली यात्रा थी. उनकी छुट्टियां थीं, इसलिए वे गए. उन्होंने अपनी मां को फोन करके बताया था कि वे सुरक्षित हैं और 24 अप्रैल को वापस आएंगे. हमारी आखिरी बार बातचीत एक सप्ताह पहले हुई थी.”

भावनगर निवासी पिता-पुत्र के शव मुंबई लाए जाएंगे

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए गुजरात के भावनगर निवासी यतीश परमार और उनके बेटे स्मित के शव बुधवार शाम मुंबई लाए जाएंगे. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”हमें गुजरात के अधिकारियों ने सूचित किया है कि पिता-पुत्र के शव मुंबई लाए जाएंगे और उनके रिश्तेदार तथा संबंधित अधिकारी आगे की परिवहन व्यवस्था करेंगे.” उन्होंने बताया कि हमले में मारे गए महाराष्ट्र के छह पर्यटकों में से चार के शव मुंबई और दो के शव पुणे लाए जाने की उम्मीद है.

अधिकारी ने बताया कि परमार परिवार के साथ कश्मीर गए भावनगर के 17 अन्य पर्यटकों के भी उसी विमान से मुंबई लौटने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि विमान के शाम छह बजे के आसपास उतरने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार, यतीश परमार और उनके बेटे स्मित परमार भावनगर के 19 लोगों के उस समूह का हिस्सा थे, जो कथा वाचक मोरारी बापू के प्रवचन में शामिल होने के लिए 16 अप्रैल को कश्मीर गए थे.

पहलगाम में हमले में मारे गये जयपुर के व्यक्ति के घर मातम का माहौल

, 23 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गये जयपुर के व्यक्ति के घर पर बुधवार को मातम पसरा रहा.
अधिकारियों के मुताबिक, मृतक का राजधानी में मॉडल टाउन इलाके के फॉरेस्ट व्यू रेजीडेंसी में घर है जहां उनका परिवार रहता है.
उन्होंने बताया कि नीरज उधवानी (33) और उनकी पत्नी आयुषी मंगलवार को पहलगाम में थे जहां आतंकियों ने हमला कर नीरज की गोली मारकर हत्या कर दी.
नीरज उधवानी का पार्थिव देह बुधवार रात जयपुर लाया जाएगा.
मृतक के चाचा दिनेश उधवानी ने बताया कि नीरज दुबई में सीए के तौर पर काम कर रहे थे और वह एक शादी समारोह में शामिल होने आए थे और सोमवार को जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे.
उन्होंने बताया, ”हमें नीरज की पत्नी से सूचना मिली कि उसे आतंकवादियों ने गोली मार दी है.” दिनेश ने बताया कि नीरज कश्मीर से लौटने के बाद वापस दुबई जाने वाला था.
नीरज की शादी फरवरी 2023 में आयुषी के साथ हुई थी.
घटना की जानकारी मिलते ही उनके रिश्तेदारों ने घर जाकर परिवार को सांत्वना दी.
मृतक की मां ज्योति ने हमले में शामिल आतंकवादियों के लिए मृत्युदंड की मांग की.
उन्होंने कहा, “आतंकवादियों को फांसी दी जानी चाहिए. भारत के सभी लोगों में भाईचारा है. कोई हिंदू ऐसी घटना कभी नहीं करेगा. नीरज दुबई से एक शादी में शामिल होने आया था और कश्मीर चला गया. मैंने सोमवार को उससे बात की. वह पांच दिन बाद वापस आने वाला था.” नीरज के पिता की करीब दस साल पहले मौत हो गई थी.
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर प्रमुख पर्यटक स्थल बैसरन में मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. इनमें ज्यादातर पर्यटक हैं.

शिवा निषाद

संपादक- शिवा निषाद सरायपाली सिटी न्यूज मेन रोड, चेक पोस्ट, झिलमिला सरायपाली मो. 8871864161, 8319644944

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