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अमेरिकी अभियोग मामले की स्वतंत्र समीक्षा में कोई अनियमितता नहीं मिली: अदाणी ग्रीन एनर्जी

नयी दिल्ली. अदाणी ग्रीन एनर्जी ने कहा है कि अदाणी समूह के संस्थापक चेयरमैन गौतम अदाणी एवं दो अन्य कंपनी अधिकारियों पर अमेरिकी अदालत में अभियोग लगाए जाने के मामले में नियामकीय अनुपालन की एक स्वतंत्र समीक्षा में कोई भी अनियमितता या गैर-अनुपालन नहीं पाया गया है.

पिछले साल नवंबर में अमेरिकी अधिकारियों ने अदाणी, उनके भतीजे एवं कार्यकारी निदेशक सागर अदाणी और प्रबंध निदेशक विनीत एस जैन पर सौर ऊर्जा अनुबंध पाने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की कथित योजना में शामिल होने का आरोप लगाया था. इसके अलावा इन पर अमेरिकी निवेशकों से धन जुटाने की कोशिश करते समय अपनी योजना को छुपाने का आरोप भी लगा था.

अदाणी समूह की कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी पर आरोप है कि सौर ऊर्जा बिक्री अनुबंधों को हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को कथित रूप से 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत दी गई थी. इस अनुबंध से कंपनी को 20 वर्ष की अवधि में दो अरब डॉलर का लाभ होने का अनुमान था. अदाणी समूह ने पहले सभी आरोपों को निराधार बताते हुए इनकार किया था और कहा था कि वह अपना बचाव करने के लिए कानूनी विकल्प अपनाएगा.

आरोपों के घेरे में आई कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 के वित्तीय नतीजों की घोषणा में कहा है कि उसकी मूल कंपनी को अभियोग एवं दीवानी शिकायत में प्रतिवादी के रूप में नामित नहीं किया गया है और मामला आगे की कार्यवाही के लिए लंबित है. अदाणी ग्रीन एनर्जी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ” परिचालन के बेहतर मानदंडों को बनाए रखने के लिए मूल कंपनी ने इस मामले में संबंधित गैर-अनुपालन, यदि कोई हो, के आकलन और मूल्यांकन के लिए स्वतंत्र विधि फर्मों को स्वतंत्र समीक्षा करने के लिए नियुक्त किया था.” कंपनी ने कहा, “इस तरह की स्वतंत्र समीक्षा ने भी मामले में किसी भी गैर-अनुपालन या अनियमितताओं की पहचान नहीं की.” नवंबर 2024 में, अमेरिका के न्याय विभाग ने मूल कंपनी के दो कार्यकारी निदेशकों एवं एक गैर-कार्यकारी निदेशक के खिलाफ अभियोग दायर किया और प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग की तरफ से एक दीवानी शिकायत दर्ज की थी.

कंपनी के मुताबिक, इन निदेशकों पर आपराधिक अभियोग में तीन मामलों में आरोप लगाए गए हैं जो कथित प्रतिभूति और धोखाधड़ी की साजिश, कथित धोखाधड़ी की साजिश रचने और झूठे एवं भ्रामक बयान देने के लिए कथित प्रतिभूति धोखाधड़ी से संबंधित हैं.
प्रतिभूति आयोग की दीवानी शिकायतों के मुताबिक, निदेशकों ने कुछ अहम कारकों को छोड़ दिया, जिससे प्रतिभूति अधिनियम 1933 और प्रतिभूति अधिनियम 1934 के तहत अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने वाले कुछ बयान सामने आए. अदाणी ग्रीन एनर्जी ने कहा कि इसकी मूल कंपनी ने अतीत में “सभी उचित खुलासे करने की पुष्टि की है, जिसमें बॉन्ड पेशकश विवरण भी शामिल हैं, जिससे अमेरिकी बाजारों से धन जुटाया गया.

अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि 2020 और 2024 के बीच, अदाणी ग्रीन, एज्योर पावर और कनाडाई संस्थागत निवेशक सीडीपीक्यू के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारतीय सरकारी संस्थाओं के साथ आकर्षक सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध पाने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना में भाग लिया.

इस दौरान, अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के वरिष्ठ अधिकारियों ने कंपनी की रिश्वत विरोधी गतिविधियों को गलत तरीके से पेश करने की साजिश रची और उन निवेशकों एवं संस्थानों से यह बात छिपाई कि उन्होंने भ्रष्ट सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंधों सहित हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर का वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी है.
न्याय विभाग का कहना है कि एज्योर पावर और सीडीपीक्यू के वरिष्ठ अधिकारियों ने रिश्वतखोरी योजना में अमेरिकी सरकार की जांच में बाधा डालने की भी साजिश रची.

शिवा निषाद

संपादक- शिवा निषाद सरायपाली सिटी न्यूज मेन रोड, चेक पोस्ट, झिलमिला सरायपाली मो. 8871864161, 8319644944

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