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‘सुदर्शन चक्र’ के सामने पाकिस्तान का गुरूर चूर-चूर, अमृतसर से जम्मू, पठानकोट से भुज तक हमलों को किया नाकाम

भारत के एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम ‘सुदर्शन चक्र’ के सामने पाकिस्तान का गुरूर चूर-चूर हो गया। ‘सुदर्शन चक्र’ ने अमृतसर से जम्मू, पठानकोट से भुज तक पाकिस्तान के हमलों को नाकाम करके अपनी ताकत दिखा दी है। भारत ने ‘ऑपरेशन ‘सिंदूर’ शुरू करते समय पहले ही चौकसी बरतते हुए दुश्मन के किसी भी जवाबी हमले को रोकने के लिए इस प्रणाली को सक्रिय कर दिया था। इसी की बदौलत भारतीय लड़ाकू विमानों को सुरक्षित रूप से ऑपरेशन पूरा करने में भी मदद मिली और अब इसी प्रणाली ने दुश्मन के ड्रोनों और मिसाइलों को हवा में ही नेस्तनाबूद कर दिया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि ‘सुदर्शन चक्र’ के सामने दुश्मन के मंसूबे नाकाम रहे और भारत के शहरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

दुश्मन के ड्रोनों और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करने से भारत के शहरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा

भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बौखलाए पाकिस्तान ने 8/9 मई की रात 8.30 बजे के करीब राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात में वायु सेना के एयरबेस को निशाना बनाकर ड्रोन से मिसाइल हमले करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने पाकिस्तानी ड्रोन को रोक दिया। पाकिस्तान ने सतवारी, सांबा, आरएस पुरा और अरनिया सेक्टर में 8 मिसाइलें दागीं, लेकिन सभी को भारतीय वायु रक्षा इकाइयों ने हवा में ही निष्क्रिय कर दिया। जम्मू और कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट जम्मू, पठानकोट और उधमपुर के सैन्य स्टेशनों को पाकिस्तान ने मिसाइलों और ड्रोन का उपयोग करके निशाना बनाया, लेकिन भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 (सुदर्शन) ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में भी पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया गया। 

भगवान कृष्ण के शक्तिशाली सुदर्शन चक्र के नाम पर एस-400 को नाम दिया ‘सुदर्शन चक्र’ 

यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस अब तक भारत को 3 एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति कर चुका है, जबकि दो सिस्टम अभी मिलने हैं। चौथी प्रणाली मार्च, 2026 में और पांचवीं प्रणाली 2026 के अंत तक पहुंचाई जाएगी। यह दो साल की देरी यूक्रेन संघर्ष के कारण आपूर्ति श्रृंखला संबंधी समस्याओं के कारण हुई है। भारतीय वायु सेना ने भगवान कृष्ण के शक्तिशाली सुदर्शन चक्र के नाम पर एस-400 को ‘सुदर्शन चक्र’ नाम दिया है। भारतीय एस-400 एयर डिफेंस की मिसाइलें 20 किलोमीटर, 30 किलोमीटर और 60 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन की मिसाइल को हवा में ही खत्म कर सकती हैं। यह प्रणाली एक साथ दुश्मन की 80 मिसाइलों या हवाई हमलों का जवाब देने में सक्षम है।

एस-400 ‘सुदर्शन चक्र’ से पूरी दुनिया खाती है खौफ 

चीन और पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत को ताकतवर रूसी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की बहुत जरूरत थी। भारत ने रूस के साथ पांच एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 खरीदने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये में सौदा किया था, जिसे रूस और भारत के रक्षा मंत्रियों ने 06 दिसंबर, 2021 को अंतिम रूप दिया था। भारत के रक्षा बेड़े में शामिल इस रूसी डिफेंस सिस्टम से पूरी दुनिया खौफ खाती है। यह प्रणाली अपनी मिसाइलों से दुश्मन की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों, लड़ाकू विमानों को 400 किमी. की दूरी तक तबाह कर सकती है। यह मिसाइल जमीन से 100 फीट ऊपर उड़ रहे खतरे की पहचान करके हमला करने में सक्षम है। भारत ने दो एस-400 स्क्वाड्रन को पूर्वी और उत्तरी सीमा पर तैनात किया है। तीसरी स्क्वाड्रन को पंजाब में इस तरह से तैनात किया गया है, ताकि पाकिस्तान की सीमा के साथ-साथ उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों को भी कवर किया जा सके।

शिवा निषाद

संपादक- शिवा निषाद सरायपाली सिटी न्यूज मेन रोड, चेक पोस्ट, झिलमिला सरायपाली मो. 8871864161, 8319644944

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