विपक्ष के दबाव में प्रधानमंत्री मोदी ने जाति जनगणना पर सहमति जताई : राजद

पटना. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने रविवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुरू में जाति जनगणना के विरोधी थे लेकिन बाद में विपक्ष के दबाव में इस पर सहमत हो गए. राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने राज्य में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के महागठबंधन के नेताओं की बैठक के बाद ‘इंडिया’ के संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही.
झा ने कहा, ”हमारे नेता (लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव) कई वर्षों से जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं. बेशक, अन्य विपक्षी नेता भी यही मांग कर रहे थे. शुरुआत में, प्रधानमंत्री ने जाति जनगणना का विरोध किया, लेकिन अंतत? विपक्षी दलों के दबाव में वे इस कवायद पर सहमत हो गए.” उन्होंने कहा कि राजद इस पूरी प्रक्रिया पर करीबी नजर रखेगा. उन्होंने कहा कि जाति जनगणना पहला कदम है और इसके बाद आरक्षण की सीमा बढ.ाई जानी चाहिए एवं निजी क्षेत्र में आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर परोक्ष हमला करते हुए झा ने कहा, ”हम बिहार के एक बड़े नेता के इस सुझाव को स्वीकार नहीं करेंगे कि जनगणना के बाद निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए.” चिराग ने जाति जनगणना का समर्थन किया है, लेकिन आंकड़ों को सार्वजनिक करने का विरोध किया है.
झा ने कहा, ”निष्कर्ष ड्राइंग रूम में रखने के लिए सजावटी वस्तु नहीं हैं. इसके बाद आरक्षण में वृद्धि, निजी क्षेत्रों में आरक्षण का प्रावधान जैसे कदम उठाए जाने चाहिए.” लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग ने हाल में मीडियार्किमयों से कहा कि वह जाति गणना के पक्ष में हैं, क्योंकि समुदाय आधारित विकास योजनाओं के लिए धन आवंटन के संबंध में खास आंकड़ों की आवश्यकता होती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे समाज में और विभाजन पैदा हो सकता है.
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक के बारे में झा ने कहा कि गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव एकजुटता, मजबूती और समन्वय के साथ लड़ने का संकल्प लिया ताकि महागठबंधन की प्रभावशाली चुनावी जीत सुनिश्चित हो सके. झा ने कहा, ”महागठबंधन के नेता केंद्र और राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की गलत कार्रवाइयों के बारे में जनता को बताएंगे.” बैठक में राजद नेता तेजस्वी यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और अन्य शामिल हुए.
उन्होंने कहा, ”आज की बैठक का उद्देश्य ‘इंडिया’ के भागीदारों के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक तंत्र विकसित करना था. लोग राजग सरकार से तंग आ चुके हैं और वे बदलाव चाहते हैं. कई लोगों ने सुझाव दिया कि इस तरह की बैठकें जिला स्तर, ब्लॉक स्तर और पंचायत स्तर पर भी होनी चाहिए.” झा ने कहा, ”’इंडिया’ बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा…चुनाव चिह्न अलग-अलग हो सकता है, लेकिन अंतत: सभी उम्मीदवार महागठबंधन के ही होंगे.” झा ने कहा कि महागठबंधन राज्य में 20 मई को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत अखिल भारतीय हड़ताल को अपना समर्थन देगा.
राजद नेता ने कहा, ”मोदी सरकार द्वारा चार श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन के खिलाफ 20 मई को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की तरफ से आहूत अखिल भारतीय हड़ताल के समर्थन में ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेता पूरे राज्य में सड़कों पर उतरेंगे.” संसद द्वारा पारित चार श्रम संहिताओं ने 29 मौजूदा श्रम कानूनों की जगह ली है. ये संहिताएं मजदूरी, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाजी परिस्थितियों को विनियमित करती हैं. बिहार में महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, भाकपा (माले) लिबरेशन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं.