बीजापुर में 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

बीजापुर/बोकारो. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 28.50 लाख रुपये के इनामी 14 नक्सलियों समेत कुल 24 नक्सलियों ने सोमवार को सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 11 महिला नक्सली शामिल हैं.
नक्सलियों ने ऐसे समय में आत्मसमर्पण किया है, जब 21 अप्रैल से तेलंगाना की सीमा से लगी बीजापुर की पहाड़ियों पर लगभग 24,000 सुरक्षार्किमयों की मदद से एक बड़ा नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से भैरमगढ़ एरिया कमेटी सदस्य सुदरू हेमला उर्फ राजेश (33) और परतापुर एरिया कमेटी सदस्य कमली मोड़ियम पर पांच-पांच लाख रुपये, जबकि जयमोती पूनेम (24) पर तीन लाख रुपये का इनाम था.
उन्होंने बताया कि इसी तरह, शामनाथ कुंजाम उर्फ मनेष (40), चैतु कुरसम ऊर्फ कल्लू (30), बुच्ची माड़वी ऊर्फ रोशनी (25), सुखमति उरसा (28) और सोमली हेमला (45) पर दो-दो लाख रुपये, जबकि बुज्जी पदम (20), सुक्को पुनेम उर्फ मंजूला (28), हिड़मे वेको उर्फ जुगनी (22), सोनी कोरसा उर्फ ललिता (30) और लच्छा ताती उर्फ पोटका (25) पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था. अधिकारियों के मुताबिक, नक्सली मंगू पुनेम (21) 50 हजार रुपये का इनामी था.
उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने संगठन के विचारों से मोहभंग होने और उसके भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद के कारण समाज की मुख्यधारा से जुड़कर सुरक्षित पारिवारिक जीवन जीने के लिए आत्मसमर्पण किया. अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ सरकार की नयी पुनर्वास नीति ने कई नक्सलियों में उम्मीद की किरण जगाई है और उन्हें संगठन से नाता तोड़ने के लिए प्रेरित किया है.
उन्होंने बताया कि नक्सलियों का आत्मसमर्पण कराने में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर, विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और केंद्रीय रिर्जव पुलिस बल (सीआरपीएफ) का विशेष योगदान रहा और बड़ी संख्या में नक्सलियों के आत्मसर्पण से शीर्ष माओवादी कैडर को बड़ा झटका लगा है.
अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने वाले सभी नक्सलियों को प्रोत्साहन स्वरूप 50-50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया. उन्होंने बताया कि बस्तर में इस साल विभिन्न नक्सली घटनाओं में शामिल 213 नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, 203 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और 90 नक्सली अलग-अलग मुठभेड़ में मारे गए हैं.
झारखंड के बोकारो में महिला माओवादी ने आत्मसमर्पण किया
झारखंड के बोकारो जिले में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की एक महिला सदस्य ने सोमवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. आत्मसमर्पण करने वाली महिला का नाम सुनीता मुर्मू उर्फ लीलमुनि मुर्मू (22) है. वह 21 अप्रैल को बोकारो जिले में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान फरार हो गई थी. उस मुठभेड़ में आठ नक्सली मारे गए थे.
सुनीता ने बोकारो के पुलिस अधीक्षक मनोज ्स्विवगयारी, सीआरपीएफ कमांडेंट और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आत्मसमर्पण किया. ्स्विवगयारी ने कहा, ”सुनीता मुठभेड़ के समय माओवादियों के साथ थी, लेकिन वहां से भाग निकलने में सफल हो गयी थी. जंगलों में कुछ दिन भटकने के बाद उसने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत हथियार छोड़ने का निर्णय लिया.” उन्होंने बताया कि सुनीता को आत्मसमर्पण नीति के तहत सभी लाभ प्रदान किए जाएंगे.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इससे पहले सुनीता तीन साल जेल की सजा भी काट चुकी है. सुनीता ने आत्मसमर्पण के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “मुठभेड़ के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैं गलत रास्ते पर हूं. इसलिए मैंने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया. मैं अपने साथियों से भी आत्मसमर्पण करने की अपील करूंगी.”