तेलंगाना के कर्रेगुट्टा में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अंतिम प्रहार

नयी दिल्ली/रायपुर. सुरक्षा बलों ने तेलंगाना के कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में मंगलवार को ”अंतिम प्रहार” किया, जहां सीआरपीएफ ने एक पखवाड़े पहले समन्वित और “अब तक का सबसे बड़ा” नक्सल रोधी अभियान शुरू किया था. यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी.
सूत्रों ने बताया कि इस अभियान में सौ से अधिक आईईडी बरामद किए गए हैं और करीब 10 जवान घायल हुए हैं.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 204 कोबरा बटालियन के 32 वर्षीय सहायक कमांडेंट रैंक के अधिकारी सागर बोराडे ने 4 मई को एक आईईडी विस्फोट में अपना बायां पैर गंवा दिया था. उस समय वह एक घायल जवान को बचाने की कोशिश कर रहे थे.
अधिकारियों ने बताया कि अधिकारी बोराडे ने अपनी जान की परवाह किए बिना आगे बढ़कर अपने कनिष्ठ सहयोगी को बचाया. अधिकारियों ने बताया कि वीरता पदक के लिए उनका नाम अनुशंसित किया जा रहा है. सीआरपीएफ की 20 नयी कंपनी को सोमवार रात से परिचालन क्षेत्र में तैनात किया गया है, जिनमें लगभग 2,000 जवान हैं.
छत्तीसगढ़ की सीमा से लगते तेलंगाना की कर्रेगुट्टा पहाड़ियों पर 21 अप्रैल को शुरू किए गए अभियान में लगभग 10 जवान घायल हो गए हैं, जिनमें पांच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के और बाकी छत्तीसगढ़ पुलिस की विभिन्न इकाइयों जैसे जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के हैं. सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को सीआरपीएफ के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए हवाई मार्ग से निकाला जा रहा है.
सूत्रों ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र से अब तक करीब 120 आईईडी बरामद किए गए हैं, जहां ”भारी मात्रा में बारूदी सुरंग लगायी गई हैं, साथ ही बंकर जैसे कई ठिकाने भी मौजूद हैं.” उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के मूल निवासी बोराडे को विस्फोट के बाद पहले हवाई मार्ग से राज्य की राजधानी रायपुर ले जाया गया और बाद में उन्हें हवाई एम्बुलेंस के जरिये दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया.
इस ‘अब तक के सबसे बड़े’ नक्सल रोधी अभियान के लिए विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में एम्बुलेंस को तैनात किया गया है, जिसमें विभिन्न स्थानों पर 20,000 से अधिक जवान तैनात हैं.
अभियान की निगरानी कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सीआरपीएफ के नेतृत्व में सुरक्षा बलों ने अब अंतिम प्रहार शुरू किया है. उन्होंने बताया कि पहाड़ी इलाके में कुछ कुख्यात नक्सलियों के छिपे होने का संदेह है और अभियान जल्द ही अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचेगा. अधिकारी ने बताया कि अब तक अभियान में तीन महिला नक्सली मारी गयी हैं तथा विभिन्न प्रकार के हथियार और विस्फोटक बरामद किये गये हैं.
अधिकारियों ने बताया कि पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के स्वयंभू शीर्ष कमांडर हिडमा और देवा जैसे अन्य नक्सलियों पर नजर रखने के लिए करीब चार हेलीकॉप्टर, 20 बड़े और छोटे मानव रहित हवाई यान (यूएवी) के दो ड्रोन स्क्वाड्रन, एनटीआरओ द्वारा उपलब्ध कराए गए उपग्रह चित्र और मानचित्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार हिडमा को कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में बने एक बंकर के आसपास एक हथियारबंद दस्ते के साथ देखा गया था और इसी सूचना के आधार पर अभियान शुरू किया गया था.