भारत शांति के लिए ‘बंद मुट्ठी के साथ नहीं, बल्कि खुले हाथों’ से आगे आए: बिलावल भुट्टो

इस्लामाबाद. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो-जरदारी ने मंगलवार को कहा कि अगर भारत शांति चाहता है, तो उसे ”मुट्ठियां बंद करके नहीं बल्कि खुले हाथों से” आगे आना चाहिए. पाकिस्तान के विदेश मंत्री रह चुके बिलावल ने यह टिप्पणी नेशनल असेंबली सत्र के दौरान की, जहां पहलगाम हमले के बाद उत्पन्न तनाव के चलते क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर चर्चा हुई.
बिलावल ने भारत और पाकिस्तान दोनों से मिलकर काम करने का आग्रह किया और कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का ”निष्पक्ष जांच के लिए भारत को चुनौती देना एक शुरुआत है.” उन्होंने कहा कि भारत को यह प्रस्ताव स्वीकार कर लेना चाहिए. बिलावल ने कहा, ”यदि भारत शांति के मार्ग पर चलना चाहता है, तो उसे खुले हाथों से आना चाहिए, मुट्ठी बांधकर नहीं…आइए हम पड़ोसी की तरह बैठें और सच बोलें.” पिछले सप्ताह बिलावल ने तब खून-खराबे की धमकी दी थी जब भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने सहित पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपायों की घोषणा की थी.
उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान को दिया जाने वाला पानी रोका गया तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पता होना चाहिए कि नदी में या तो पानी बहेगा या खून. पीपीपी नेता ने कहा कि पाकिस्तान युद्ध की स्थिति में संघर्ष के लिए नहीं बल्कि आजादी के लिए लड़ेगा.
उन्होंने कहा, ”यदि वे (भारत) शांति नहीं चाहते हैं… तो उन्हें याद रखना चाहिए कि पाकिस्तान के लोग घुटने टेकने के लिए नहीं बने हैं. पाकिस्तान के लोगों में लड़ने का संकल्प है, इसलिए नहीं कि हमें संघर्ष पसंद है, बल्कि इसलिए कि हमें आजादी पसंद है.” बिलावल ने कहा, ”भारत को निर्णय करने दीजिए. यह वार्ता होगी या विनाश? सहयोग होगा या टकराव?” उन्होंने कहा कि आतंकवाद को अकेले टैंक से नहीं हराया जा सकता. पीपीपी नेता ने कहा, ”इसे (आतंकवाद को) न्याय के साथ पराजित किया जाना चाहिए. इसे गोलियों से नहीं उखाड़ा जा सकता, इसे उम्मीद के साथ निरस्त्र किया जाना चाहिए. इसे राष्ट्रों को शैतान बताकर नहीं हराया जा सकता, बल्कि इसे जन्म देने वाली शिकायतों को दूर करके हराया जा सकता है.”
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बांग्लादेश के समकक्ष से बातचीत की, क्षेत्रीय स्थिति से अवगत कराया
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और उन्हें भारत के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर पाकिस्तान के रुख से अवगत कराया. विदेश कार्यालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी विदेश कार्यालय ने कहा कि सोमवार को हुई बातचीत के दौरान डार ने हुसैन को भारत के ”निराधार आरोपों और सिंधु जल संधि को निलंबित करने समेत एकतरफा कदमों के कारण बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के बारे में अवगत कराया.”
विदेश कार्यालय ने कहा, ”विदेश मामलों के सलाहकार ने मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त की और सभी पक्षों द्वारा संयम बरतने तथा तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया.” दोनों पक्षों ने पाकिस्तान-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपनी पारस्परिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की तथा नियमित उच्च स्तरीय संपर्क बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर भी चर्चा की.