प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए देश भर में हुई ‘मॉक ड्रिल’

नयी दिल्ली. राष्ट्रव्यापी ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत बुधवार को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हवाई हमलों, आग लगने की आपात स्थिति और खोज एवं बचाव कार्यों जैसे कई परिदृश्यों का अनुकरण करने के लिए ‘मॉक ड्रिल’ की गयी. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पिछले महीने हुए आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ‘मॉक ड्रिल’ का निर्देश जारी किया था.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच ‘नए और जटिल खतरे’ सामने आए हैं, जिसके बाद मंत्रालय ने यह निर्देश जारी किया था. पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हो गयी थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे. भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में मंगलवार देर रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किये.
दिल्ली में कई स्थानों पर पीसीआर वैन और दमकल की गाड़ियां तैनात की गई थीं जबकि सुरक्षा र्किमयों और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को भी बड़ी संख्या में तैनात किया गया था. सायरन की आवाज के बीच सुरक्षित स्थानों पर भागते हुए निवासी, स्ट्रेचर पर घायल लोगों को ले जाने जैसे दृश्य दिल्ली में 55 स्थानों पर देखे गये. इसके अलावा ऊंची इमारतों तक पहुंचने और वहां ‘फंसे’ हुए लोगों को निकालने के लिए दिल्ली अग्निशमन सेवा की क्रेन का इस्तेमाल किया गया. दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सायरन बजाया गया.
चिकित्सकों की एक टीम और कई एम्बुलेंस के साथ दमकल की टीमें मौके पर पहुंचीं. दिल्ली भर के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने आपात स्थिति की तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से सुरक्षा अभ्यास में भाग लिया, जिसमें व्यवस्थित तरीके से हटने का अभ्यास करना, डेस्क के नीचे शरण लेना और सायरन बजने पर बिजली के उपकरणों को बंद करना शामिल था. पंजाब में कई स्थानों पर राष्ट्रव्यापी अभ्यास के तहत ‘मॉक ड्रिल’ की गयी.
प्रदेश के फिरोजपुर, लुधियाना, अमृतसर, बठिंडा, गुरदासपुर, होशियारपुर, पटियाला, पठानकोट, बरनाला और मोहाली में आग लगने और अन्य आपात स्थितियों में बचाव कार्यों का अनुकरण करने वाली ‘मॉक ड्रिल’ की गई. अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास का उद्देश्य आपात प्रतिक्रिया तंत्र की प्रभावकारिता का मूल्यांकन कर उसे बढ़ाना था. ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान स्वयंसेवकों द्वारा घायलों को स्ट्रेचर पर एम्बुलेंस तक ले जाने, आग बुझाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने सरीखे दृश्य देखे गए.
‘मॉक ड्रिल’ में अग्निशमन एवं आपात सेवाओं, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों सहित कई एजेंसियों की समन्वित भागीदारी देखी गई. इसके अलावा नागरिक सुरक्षा, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों ने भी अभ्यास में भाग लिया.
अभ्यास शाम चार बजे अलार्म के साथ शुरू हुआ, जिससे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), अग्निशमन दल, जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, नागरिक सुरक्षा और एनसीसी सहित कई एजेंसियों के बीच तेजी से समन्वय हुआ. सिक्किम के गंगटोक जिले के सिंतम में बुधवार शाम को ‘मॉक ड्रिल’ की गयी. अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास शाम चार बजे शुरू हुआ, जिसके तहत बालूतार में एनएचपीसी पावर हाउस पर हवाई हमला हुआ और संस्थान में आग लग गई. उन्होंने बताया कि ऐसा माना गया कि एनएचपीसी के कई कर्मचारियों के फंसे होने और घायल होने की आशंका है.
इस स्थिति को देखते हुए आपात प्रोटोकॉल को तुरंत सक्रिय कर दिया गया, जिसमें सायरन बजाकर लोगों को आश्रय लेने के लिए सतर्क किया गया और आस-पास की सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि सड़कों पर वाहनों और पैदल चलने वाले लोगों को रोक दिया गया तथा युद्ध की स्थिति के मद्देनजर ब्लैकआउट कर दिया गया. उन्होंने बताया कि तेजी से बचाव अभियान शुरू किया गया. मणिपुर के चार जिलों में ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत ‘मॉक ड्रिल’ की गयी.
इंफाल में ‘जॉनस्टोन हायर सेकेंडरी स्कूल’, बीटी पार्क, राज्य संग्रहालय और अग्निशमन सेवा परिसर में एक साथ ‘मॉक ड्रिल’ की गई.
इंफाल पश्चिम के उपायुक्त राज कुमार मायांगलम्बम ने बताया, ह्लआज की मॉक ड्रिल राज्य के गृह विभाग, नागरिक सुरक्षा और राहत एवं आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस, स्वास्थ्य, बिजली और शिक्षा विभागों सहित अन्य हितधारकों द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी.ह्व उन्होंने बताया कि इस अभ्यास में हवाई हमलों की स्थिति में तैयारी, प्रतिक्रिया और रणनीतियों का व्यावहारिक प्रदर्शन भी शामिल था. झारखंड के छह राज्यों में सायरन बजने के बाद ‘मॉक ड्रिल’ की शुरुआत हुई.
अधिकारी ने बताया कि तीन घंटे का यह अभ्यास रांची, जमशेदपुर, बोकारो, गोड्डा और साहिबगंज में नागरिक सुरक्षा संगठनों के समन्वय से किया गया. हरियाणा के सभी 11 जिलों में ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत ‘मॉक ड्रिल’ की गयी. प्रदेश के गुरुग्राम, पंचकूला, अंबाला और रोहतक में व्यस्त शॉपिंग मॉल, बाजारों और अन्य प्रतिष्ठानों में अभ्यास किया गया. राज्य के प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर भी यह अभ्यास किया गया. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह विभाग) सुमिता मिश्रा ने बताया कि ‘मॉक ड्रिल’ 11 जिलों के लिए अनिवार्य थी.
हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस अभ्यास के साथ-साथ जनता से अनुरोध किया था कि वे शाम सात बजकर 50 मिनट से आठ बजे तक अपने घरों की सभी लाइट बंद रखें. महाराष्ट्र के मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज र्टिमनल और दक्षिण मुंबई के क्रॉस मैदान में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी. छत्रपति शिवाजी महाराज र्टिमनल पर 26 नवंबर 2008 को आतंकियों ने हमला किया था.
र्टिमनल पर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के र्किमयों ने अलग-अलग और संयुक्त सुरक्षा अभ्यास किया.
मुंबई पुलिस ने बताया कि जीआरपी और रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रूट मार्च, गश्त और जांच की. यह अभ्यास अपराह्न करीब तीन बजे शुरू हुआ और करीब एक घंटे तक जारी रहा. अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास के दौरान, पीली टी-शर्ट पहने नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने समन्वय, प्रतिक्रिया समय और तत्परता का आकलन करने के लिए विभिन्न परिदृश्यों का अनुकरण किया.
दक्षिण मुंबई के क्रॉस मैदान में ठीक शाम चार बजे एक सायरन बजा, जिसके बाद ‘मॉक ड्रिल’ के हिस्से के रूप में हवाई हमले के दौरान नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन दल और चिकित्सकों की टीम ‘घायलों’ को बचाने के लिए दौड़ पड़ीं. अभ्यास की शुरुआत एक नकली विस्फोट के बाद आग लगने से हुई. नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी और तुरंत इलाके की घेराबंदी कर दी. जल्द ही, आग बुझाने के लिए दमकल कर्मी पहुंचे और उसके बाद चिकित्सा र्किमयों ने ‘घायलों’ को देखभाल के लिए पास के अस्पतालों में पहुंचाया.
कर्नाटक के बेंगलुरु में विभिन्न स्थानों पर ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत बड़े पैमाने पर ‘मॉक ड्रिल’ की गयी. अधिकारियों के अनुसार, विभिन्न स्थानों पर पर सायरन बजने के तुरंत बाद नागरिक सुरक्षा कर्मी, पुलिस, अग्निशमन और आपातकालीन सेवा कर्मी हरकत में आ गए. ‘ड्रिल’ में आग लगने की स्थिति में बचाव अभियान, मलबे के नीचे से लोगों को निकालना, ऊंची इमारतों से लोगों को निकालना और चिकित्सा आपातकालीन सेवाएं शामिल थीं. अभ्यास करीब आधे घंटे तक जारी रहा.
तेलंगाना के हैदराबाद में चार स्थानों पर पुलिस, अग्निशमन विभाग और आपदा प्रतिक्रिया बलों की भागीदारी में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी.
यह अभ्यास सिकंदराबाद, गोलकुंडा, कंचन बाग और नचाराम एनएफसी क्षेत्र में किया गया. नागरिकों को घर के अंदर रहने, आश्रय लेने और छिपने का निर्देश दिया गया था. बचाव र्किमयों ने रस्सियों का उपयोग कर इमारतों से लोगों को निकाला, चिकित्सा सहायता प्रदान की और ऑपरेशन के दौरान ‘घायलों’ को स्थानांतरित किया. शाम साढ़े चार बजे फिर से सायरन बजे और ‘मॉक ड्रिल’ समाप्त हुई.
वहीं तमिलनाडु के दो प्रमुख प्रतिष्ठानों में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी ताकि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपात स्थितियों से निपटने का अभ्यास किया जा सके. कलपक्कम में मद्रास परमाणु ऊर्जा केंद्र और चेन्नई बंदरगाह के परिसर में अभ्यास किया गया.
आत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर और घायल व्यक्तियों को जल्दी से जल्दी अस्पताल ले जाने का अभ्यास किया गया. अधिकारियों ने पहले ही बताया था कि इन दो महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में हवाई हमले जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए गतिविधियां की जाएंगी. इन राज्यों के अलावा असम में 14 जिलों, ओडिशा के 12 जिलों, त्रिपुरा के आठ जिलों, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम, अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों और मिजोरम के आइजोल में मॉक ड्रिल की गयी तथा आपात स्थिति में किसी भी हालात से निपटने में आने वाली चुनौतियों के लिए अभ्यास किया गया.