ट्रंप के बयान पर प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं बोले, क्या अमेरिकी मध्यस्थता स्वीकार ली है: कांग्रेस

नयी दिल्ली/मुंबई. कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को लेकर चुप रहे और ऐसे में क्या भारत ने अमेरिका की “मध्यस्थता” स्वीकार कर ली है तथा पाकिस्तान के साथ किसी तटस्थ स्थल पर वार्ता के लिए सहमत हो गया है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह मांग फिर दोहराई कि प्रधानमंत्री को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए.
प्रधानमंत्री के संबोधन से कुछ देर पहले ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यापार बंद करने की चेतावनी जिसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष रुका. रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”प्रधानमंत्री का लंबे समय से टलता आ रहा राष्ट्र के नाम संबोधन राष्ट्रपति ट्रंप के कुछ मिनट पहले किए गए खुलासों से पूरी तरह दब गया. प्रधानमंत्री ने उन पर एक शब्द भी नहीं कहा.” उन्होंने सवाल किया, ”क्या भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है? क्या भारत पाकिस्तान के साथ वार्ता के लिए किसी तटस्थ स्थल पर सहमत हो गया है? क्या अब भारत अमेरिका की इन मांगों को मान लेगा कि वह ऑटोमोबाइल, कृषि और अन्य क्षेत्रों में अपने बाज.ार खोल दे?” रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री को तुरंत सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक करनी चाहिए, जो उन्होंने पिछले बीस दिनों में टाला है.
उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में पुरजोर कूटनीति और सामूहिक संकल्प दोनों की आवश्यकता होगी तथा ”वन-लाइनर्स और डायलॉगबाजी” खराब विकल्प हैं. रमेश ने इस बात पर जोर दिया, ”हम अपने सशस्त्र बलों की खुले दिल से सराहना और सलाम करते हैं. उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है. हम हर समय 100 प्रतिशत उनके साथ हैं, लेकिन प्रधानमंत्री को अभी भी बहुत कुछ जवाब देना है.” कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से कुछ देर पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का एक वक्तव्य आया जो बहुत व्यथित करने वाला है. इस वक्त अपने सभी भारतीय नागरिकों को चौंका दिया है.” उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, “भारत की संस्कृति में कभी सिंदूर के साथ सौदा संभव नहीं है. ट्रंप ने कहा कि व्यापार को हथियार बनाकर उन्होंने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रुकवाया. ” खेड़ा ने कहा कि उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में राष्ट्रपति ट्रंप के वक्तव्य का करारा और त्वरित जवाब देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
उनके अनुसार, ” ट्रंप ने रविवार को कहा था कि वह कश्मीर मामले में मध्यस्थता करेंगे जो किसी भी भारतवासी को स्वीकार नहीं हो सकता. उनके इस टिप्पणी पर भी सरकार ने कोई आधिकारिक चुनौती नहीं दी और प्रधानमंत्री ने भी कोई उत्तर नहीं दिया.” कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए और संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को पाकिस्तान के साथ सिर्फ उसके कब्जे वाले कश्मीर और आतंकवाद पर बातचीत होगी. मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद और वार्ता की साथ नहीं चल सकते तथा पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकते.
उन्होंने यह भी कहा कि आज हर आतंकवादी और आतंकवादी संगठन यह जान गया है कि ”हमारी मां-बेटियों के माथे से सिंदूर मिटाने का क्या अंजाम होता है.”
राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के संबोधन के बावजूद सवाल अनुत्तरित रहे : पृथ्वीराज चव्हाण
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने सोमवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन शब्दाडंबर से भरा हुआ था, लेकिन उसने कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब नहीं दिए. चव्हाण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया कि कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण हो गया है या नहीं, और न ही शिमला समझौते का कोई जिक्र किया गया.
चव्हाण ने पूछा, ”अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को फिर से एक साथ जोड़ दिया है और भारत को पाकिस्तान के समकक्ष मानकर व्यवहार किया है. क्या भारत इस स्थिति को स्वीकार करने के लिए तैयार है?” उन्होंने कहा, ”अब यदि कोई ताजा आतंकवादी हमला होता है, तो भारत युद्ध शुरू कर देगा, जिसका मतलब है कि कोई भी आतंकवादी आतंकी हमला कर सकता है और युद्ध शुरू हो जाएगा.” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी को इस बारे में बात करनी चाहिए थी कि क्या भारत की प्रतिक्रिया ‘कल्पना से परे’ थी, जैसा कि उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद बिहार में वादा किया था.
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को ट्रंप के हालिया भाषण पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब तक भारत और पाकिस्तान युद्ध बंद नहीं करते, तब तक वे उनके साथ व्यापार नहीं करेंगे. चव्हाण ने सवाल किया,”पहलगाम के आतंकवादियों का क्या हुआ? अमेरिकी किससे बात कर रहे थे, राजनीतिक नेतृत्व से, सेना से या नौकरशाहों से.” उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री का भाषण महज शब्दाडंबर और उन्होंने सवालों का जवाब नहीं दिया.” कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों के नुकसान के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक या संसद के विशेष सत्र (जैसा कि कांग्रेस मांग कर रही है) के मुद्दे पर भी चुप हैं.
शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, ”हमें सतर्क रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की अनुमति न दी जाए.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को पड़ोसी देश पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भारत ‘परमाणु ब्लैकमेल’ को बर्दाश्त नहीं करेगा और साथ ही उन्होंने विश्व को यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि ‘आतंकवाद एवं व्यापार’ तथा ‘आतंकवाद एवं बातचीत’ साथ -साथ नहीं चल सकते.