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मेरे प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘परमाणु संघर्ष’ को रोका : ट्रंप का दावा

वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपना यह दावा दोहराया कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान से यह कहकर दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के बीच ”परमाणु संघर्ष” रोक दिया कि अगर वे संघर्षविराम करते हैं, तो अमेरिका उनके साथ “बहुत सारा व्यापार” करेगा. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत में कहा, ”शनिवार को मेरे प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम कराने में मदद की. मुझे लगता है कि यह एक स्थायी संघर्षविराम होगा, जिससे दो ऐसे राष्ट्रों के बीच खतरनाक संघर्ष समाप्त होगा, जिनके पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं.” उन्होंने संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत भारतीय उपमहाद्वीप में “पिछले कुछ दिनों में हुई ऐतिहासिक घटनाओं” का उल्लेख करके की.

भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी रोकने के लिए सहमति बनी. नयी दिल्ली में भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति बन गई है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था. ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच काफी तनाव था और ऐसा लग रहा था कि यह रुकने वाला नहीं है.

ट्रंप ने कहा, ”मुझे आपको यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि भारत और पाकिस्तान का नेतृत्व दृढ़ और सशक्त था. दोनों के पास स्थिति की गंभीरता को पूरी तरह से जानने और समझने की ताकत, बुद्धि और धैर्य था.” अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा कि यदि वे संघर्ष रोक दें, तो अमेरिका उनके साथ “बहुत सारा व्यापार” करेगा.

उन्होंने कहा, ”और हमने बहुत मदद की और हमने व्यापार के मामले में भी मदद की. मैंने कहा, ‘हम आप लोगों के साथ बहुत सारा व्यापार करेंगे. चलो इसे रोकते हैं. अगर आप इसे रोकते हैं, तो हम व्यापार करेंगे. अगर आप इसे नहीं रोकते हैं, तो हम कोई व्यापार नहीं करने जा रहे हैं.” ट्रंप ने कहा, ”मैं आपको बता सकता हूं कि लोगों ने कभी भी व्यापार का उस तरह से उपयोग नहीं किया, जैसा मैंने किया. और अचानक उन्होंने (भारत और पाकिस्तान ने) कहा, ‘मुझे लगता है कि हम इसे रोकने जा रहे हैं.”

ट्रंप ने कहा, ”और उन्होंने ऐसा किया है और उन्होंने ऐसा कई कारणों से किया है, लेकिन व्यापार एक बड़ा कारण है. हम पाकिस्तान के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं. हम भारत के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं. हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं. हम जल्द ही पाकिस्तान के साथ बातचीत करने जा रहे हैं, और हमने एक परमाणु संघर्ष को रोका है.” ट्रंप ने कहा, ”मुझे लगता है कि यह एक भयानक परमाणु युद्ध हो सकता था. लाखों लोग मारे जा सकते थे. इसलिए मुझे इस पर बहुत गर्व है. मैं उपराष्ट्रपति (जे डी) वेंस और विदेश मंत्री (मार्को) रुबियो को उनके काम और प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, उन्होंने इस पर बहुत मेहनत की.” ट्रंप ने कहा, ”हमने भारत और पाकिस्तान के साथ व्यापार को लेकर कुछ बेहतरीन काम किए हैं. इससे स्थिति में वाकई मदद मिली.

स्थिति बहुत ही तनावपूर्ण हो गई थी. लाखों लोग मारे जा सकते थे. और वे अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहते हैं, लेकिन हमने कभी अपनी शक्तियों का उस तरह से इस्तेमाल नहीं किया. हमारे पास कभी ऐसे लोग नहीं थे, जो जानते हों कि ऐसा कैसे करना है.” शनिवार को ट्रंप ने घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान “अमेरिका की मध्यस्थता में रातभर चली लंबी बातचीत” के बाद “पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम” पर सहमत हो गए हैं.

बाद में, ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में, ट्रंप ने कश्मीर पर “समाधान” के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने की पेशकश की. साथ ही दोनों देशों को संघर्ष रोकने के ”ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय” पर पहुंचने में मदद करने के लिए वाशिंगटन को श्रेय दिया. ट्रंप ने कहा कि भले ही इस पर चर्चा नहीं हुई है, लेकिन वह ”इन दोनों देशों के साथ व्यापार को काफी हद तक बढ़ाने जा रहे हैं.” भारत ने हमेशा यह कहा है कि कश्मीर मुद्दा एक द्विपक्षीय मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष के लिए कोई जगह नहीं है. भारत का कहना है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख हमेशा उसके अभिन्न और अविभाज्य अंग रहे हैं और रहेंगे.

 

शिवा निषाद

संपादक- शिवा निषाद सरायपाली सिटी न्यूज मेन रोड, चेक पोस्ट, झिलमिला सरायपाली मो. 8871864161, 8319644944

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