Breaking News

मध्यप्रदेश के वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य में बसाए जा सकते हैं चीते

नयी दिल्ली. प्राधिकारी मध्यप्रदेश के वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य को चीतों के नये आवास के रूप में विकसित करने पर विचार कर रहे हैं. आधिकारिक दस्तावेजों से यह बात सामने आई है. दस्तावेजों के मुताबिक, वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य में चीतों को बसाने के विचार पर पहली बार दिसंबर 2024 में चीता परियोजना संचालन समिति की बैठक में चर्चा की गई थी.

वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य को भारत में चीतों का तीसरा ठिकाना बनाने के बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के एक अधिकारी ने कहा कि “भारत में चीता लाने के लिए कार्य योजना” में इस क्षेत्र को केवल संभावित स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.

मध्यप्रदेश के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक शुभरंजन सेन ने कहा, “बैठक में इस पर चर्चा हुई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है.” हालांकि, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के गांधी सागर अभयारण्य के बाद गुजरात के कच्छ जिले के बन्नी घास के मैदान और फिर राजस्थान के जैसलमेर जिले के शाहगढ़ बल्ज क्षेत्र में चीते छोड़े जाएंगे.

“भारत में चीता लाने के लिए कार्य योजना” में संभावित स्थल के रूप में सूचीबद्ध जगहों में छत्तीसगढ़ का गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान; गुजरात का बन्नी घास का मैदान; मध्यप्रदेश का दुबरी वन्यजीव अभयारण्य, संजय राष्ट्रीय उद्यान, बागदरा वन्यजीव अभयारण्य, नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य (अब वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य) और कुनो राष्ट्रीय उद्यान; राजस्थान का मरुस्थल राष्ट्रीय उद्यान और शाहगढ़ घास का मैदान तथा बिहार का कैमूर वन्यजीव अभयारण्य शामिल है.

भारत में चीतों के विलुप्त होने के 70 साल बाद केंद्र सरकार ने देश में चीतों को फिर से बसाने के लिए सितंबर 2022 में ‘परियोजना चीता’ शुरू की थी. चीतों को फिर से बसाने की कोशिशों के तहत मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 20 अफ्रीकी चीते लाए गए. इनमें से आठ चीते सितंबर 2022 में नामीबिया से और 12 चीते फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, तब से अब तक भारत में 26 चीता शावकों का जन्म हो चुका है, जिनमें से 19 जीवित हैं. 11 शावकों को जंगल में छोड़ दिया गया है, जबकि बाकी को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बनाए गए बाड़ों में रखा गया है. अप्रैल 2025 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य के मंदसौर जिले के गांधी सागर अभयारण्य में दो चीते छोड़े.

मध्यप्रदेश सरकार ने वीरांगना दुर्गावती को सितंबर 2023 में आधिकारिक तौर पर बाघ अभयारण्य घोषित किया. यह राज्य का सातवां बाघ अभयारण्य है. भोपाल से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य 2,339 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें नरसिंहपुर, सागर और दमोह जिले के कुछ हिस्से शामिल हैं.

शिवा निषाद

संपादक- शिवा निषाद सरायपाली सिटी न्यूज मेन रोड, चेक पोस्ट, झिलमिला सरायपाली मो. 8871864161, 8319644944

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button