सड़क पर तुनकमिजाजी : न्यायालय ने मोटरसाइकिल सवार की हत्या की आरोपी महिला को अग्रिम जमानत दी


मुंबई. मुंबई उच्च न्यायालय ने दो माह पहले सड़क पर तुनकमिजाजी के चलते एक मोटरसाइकिल सवार की अपने पति के साथ मिलकर कथित रूप से पीट-पीटकर जान ले लेने वाली एक महिला को यह कहते हुए गिरफ्तारी पूर्व जमानत दे दी है कि वह उस समय गर्भवती थी और इस माह के शुरू में उसने एक बच्चे को जन्म दिया है.
न्यायमूर्ति अश्विन भोबे की अवकाशकालीन पीठ ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है. आरोपी महिला अनम अंसारी और उसके पति अहमद अंसारी पर इस साल मार्च में यहां वकोला में ओमप्रकाश शर्मा पर हमला करने और उसकी हत्या करने का मामला दर्ज किया गया है.
अनम अंसारी ने शर्मा पर चप्पल, हेलमेट और हाथों से वार किया था, जबकि उसके पति ने सड़क पर पड़े ईंट-पत्थर उठाकर उसे मारे थे. शर्मा को अस्पताल ले जाया गया था, जहां कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो गयी थी. पुलिस के अनुसार, मोटरसाइकिल से जा रहे आरोपी दंपति की शर्मा के साथ तब बहस हो गई थी जब वह अचानक उनकी गाड़ी के सामने रुक गया था. इस मामले में अहमद अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया है और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत पर है.
घटना के समय आरोपी महिला के पेट में 30 हफ्ते का गर्भ था. उसकी अग्रिम जमानत अर्जी अप्रैल में सत्र अदालत ने खारिज कर दी थी. फिर वह उच्च न्यायालय पहुंची. आरोपी महिला के वकील शेखर सिंह ने उच्च न्यायालय में दलील दी कि महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है और बच्चा अभी 25 दिन का है, इसलिए उसे (महिला को) राहत दी जानी चाहिए.
अभियोजन पक्ष ने इस दलील का विरोध करते हुए दावा किया कि ईंट-पत्थर को तो बरामद कर लिया गया है, लेकिन महिला द्वारा शर्मा पर हमला करने के लिए इस्तेमाल की गई चप्पल और हेलमेट अभी तक जब्त नहीं किया गया है. उसने यह भी कहा कि अपराध गंभीर है. उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि महिला घटना के बाद फरार नहीं हुई थी. उच्च न्यायालय ने कहा, ”आवेदक (अनम अंसारी) के खिलाफ आरोपों की प्रकृति और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि वह अब 25 दिन के बच्चे की मां है और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, आवेदक से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं होगी.”