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मैंने अपने बेटे अंबुमणि को केंद्रीय मंत्री बनाकर गलती की: रामदास

विल्लुपुरम. पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक डॉ. एस. रामदास ने बृहस्पतिवार को यह दावा करके सभी को चौंका दिया कि उन्होंने अपने सिद्धांतों के खिलाफ जाकर अपने बेटे डॉ. अंबुमणि रामदास को केंद्रीय मंत्री बनने में मदद करके एक गलती की. उनका यह बयान धर्मपुरी में हाल में आयोजित एक बैठक में उनके बेटे की कथित टिप्पणी के बाद आया, जहां अंबुमणि ने कथित तौर पर जानना चाहा था कि उनके पिता ने उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद से क्यों हटाया.

एस. रामदास ने हाल में घोषणा की थी कि वह अपने बेटे को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा रहे हैं और ”वह इसके स्थान पर कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहेंगे.” उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि वह पीएमके के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में पार्टी का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले रहे हैं. इस घोषणा से अंबुमणि रामदास स्तब्ध रह गए थे और उनके समर्थकों के एक वर्ग ने पार्टी अध्यक्ष के रूप में उनकी बहाली की मांग को लेकर तमिलनाडु के कुछ इलाकों में आंदोलन भी किया.

पार्टी के एक वर्ग द्वारा दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने के प्रयास के बावजूद, रामदास अडिग रहे और उन्होंने अपने निर्णय पर पुर्निवचार करने से इनकार कर दिया. रामदास ने यह भी दावा किया था कि अंबुमणि ने पार्टी के विकास में बाधा डाली. यहां के निकट थाइलपुरम स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए 85 वर्षीय नेता ने कहा, ”मैंने अपने बेटे अंबुमणि को 35 साल की उम्र में केंद्रीय मंत्री बनाकर गलती की. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करने के लिए मजबूर किया.” उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वह पार्टी की आम परिषद की बैठक बुलाएंगे और अंबुमणि को पार्टी पद से हटा देंगे.

अंबुमणि 2004 से 2009 तक मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री थे. रामदास ने कहा कि धर्मपुरी की बैठक में की गई टिप्पणियों के बाद वह अपने बेटे के बारे में बोलने के लिए विवश हैं. पीएमके नेता ने कहा, ”यह (भाषण) केवल पार्टी सदस्यों और जनता का ध्यान भटकाने और उनकी सहानुभूति हासिल करने का एक प्रयास था. वह अंबुमणि नहीं है, वह मैं हूं जिसने अपने सिद्धांतों के खिलाफ जाकर और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनने में मदद करके गलती की.” उन्होंने अपने बेटे पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके (रामदास के) पोते मुकुंदन को पीएमके युवा शाखा का अध्यक्ष बनाने के उनके निर्णय की खुलेआम अवहेलना की है.

रामदास ने आरोप लगाया, ”अंबुमणि ने मंच पर मेरा विरोध करके और माइक फेंककर इस मुद्दे को सार्वजनिक करने का विकल्प चुना और माइक मुझे लग सकता था.” रामदास ने दावा किया कि उन्हें 2024 के लोकसभा के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए मजबूर किया गया था, हालांकि वह अन्नाद्रमुक के साथ चुनावी संबंध जारी रखना चाहते थे.

उन्होंने कहा कि वह 2024 के चुनाव के लिए अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अंबुमणि ने अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी के साथ चुनावी गठबंधन की भी पुष्टि की थी. रामदास ने कहा, ”लेकिन अचानक अंबुमणि और उनकी पत्नी सौम्या थाइलपुरम आए और भाजपा के साथ गठबंधन की गुहार लगाने लगे. वे काफी देर तक गुहार लगाते रहे और मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा.” उन्होंने दावा किया कि अगर अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन जारी रहता तो पीएमके को तीन और अन्नाद्रमुक को सात सीट मिलतीं.

शिवा निषाद

संपादक- शिवा निषाद सरायपाली सिटी न्यूज मेन रोड, चेक पोस्ट, झिलमिला सरायपाली मो. 8871864161, 8319644944

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