भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर, प्रति हेक्टेयर कृषि आय बढ़ाने की जरूरत : चौहान


पुणे. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को प्रति हेक्टेयर कृषि आय बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि केंद्र अपने ‘स्वच्छ पौधा कार्यक्रम’ के जरिये बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है. महाराष्ट्र को भी इसके दायरे में लाया जाएगा. चौहान ने जोर देकर कहा कि कृषि मंत्री का काम तब तक पूरा नहीं माना जाता, जब तक वह किसानों के खेतों का दौरा नहीं करता. कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ पुणे में राज्य सरकार द्वारा आयोजित भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय कृषि हैकाथॉन में भाग लिया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, ”केंद्र सरकार स्वच्छ पौधा कार्यक्रम (सीपीपी) शुरू कर रही है. इस योजना के तहत हम देश भर में नौ संयंत्र स्थापित करेंगे. इनमें से तीन संयंत्र महाराष्ट्र में लगेंगे, जिसके लिए केंद्र 300 करोड़ रुपये खर्च करेगा. महाराष्ट्र में ये संयंत्र पुणे, नागपुर और सोलापुर जिलों में लगेंगे.” सीपीपी का उद्देश्य पूरे देश में फलों की फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ाना है. यह कार्यक्रम किसानों को उनकी भूमि के आकार की परवाह किए बिना उच्च गुणवत्ता वाली, वायरस मुक्त रोपण सामग्री तक पहुंच प्रदान करके बागवानी में महत्वपूर्ण मसलों को हल करने के लिए डिज.ाइन किया गया है.
चौहान ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक विकसित भारत (वर्ष 2047 तक) की कल्पना की है. प्रति हेक्टेयर कृषि आय बढ़ाने की आवश्यकता है. एक कृषि मंत्री का काम तब तक पूरा नहीं माना जा सकता जब तक वह किसानों के खेतों का दौरा नहीं करता. आइए हम ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को सफल बनाएं. केंद्र द्वारा 29 मई को शुरू किए गए पखवाड़े भर के अभियान का उद्देश्य वैज्ञानिक हस्तक्षेप के माध्यम से भारतीय कृषि को बदलना है. इसका उद्देश्य भारत को ‘दुनिया की खाद्य टोकरी’ बनने में मदद करना है.