बस्तर के आईजी ने सुकमा में विस्फोट स्थल का किया दौरा


सुकमा. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मृत्यु के दूसरे दिन बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने मंगलवार को घटनास्थल का जायजा लिया. इस बीच, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि घटना में शामिल नक्सलियों का पता लगाने के लिए सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया है. उन्होंने बताया कि नक्सलियों द्वारा घटनास्थल पर लगाई गई एक और बारूदी सुरंग भी बरामद कर ली गई है.
सुकमा के कोंटा क्षेत्र में सोमवार को एक पत्थर खदान में नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग (आईईडी) विस्फोट से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (कोंटा क्षेत्र) आकाश राव गिरपुंजे की मौत हो गई तथा दो अन्य पुलिस अधिकारी घायल हो गए. घटना कोंटा-एर्राबोर मार्ग पर डोंड्रा गांव के पास तब हुई, जब अधिकारी और पुलिस जवान पत्थर खदान में नक्सलियों द्वारा एक जेसीबी मशीन को आग लगाने की सूचना के बाद सोमवार सुबह गश्त पर गए थे. यह अभियान 10 जून को प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) द्वारा बुलाए गए भारत बंद को देखते हुए क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए था.
पुलिस के मुताबिक जब अधिकारी और जवान जली हुई अर्थ मूवर मशीन का निरीक्षण कर रहे थे तब गिरपुंजे का पैर नक्सलियों द्वारा बिछाए गए प्रेशर बम पर चला गया और बम में विस्फोट हो गया. इस घटना में गिरपुंजे, क्षेत्र के उप पुलिस अधीक्षक भानुप्रताप चंद्राकर और कोंटा थाना के प्रभारी सोनल ग्वाला घायल हो गए. गिरपुंजे ने कोंटा के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. मंगलवार सुबह विस्फोट स्थल का दौरा करने के बाद पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी कोंटा थाने पहुंचे और पुलिस र्किमयों से बातचीत की. उन्होंने मृत अधिकारी को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
जवानों से बातचीत के दौरान पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि वे हर मोर्चे पर तैयार हैं और नक्सलियों से डटकर मुकाबला करेंगे.
सुंदरराज ने बताया कि सोमवार को विस्फोट की घटना के बाद बम निरोधक दल ने पूरे स्थल की तलाशी ली और वहां लगाए गए एक अन्य प्रेशर बम को बरामद कर उसे नि्क्रिरय कर दिया. दल ने घटना में प्रयुक्त प्रेशर बम के पुर्जे और मलबा को भी बरामद किया.
उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में कोंटा थाने में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है. घटना के लिए जिम्मेदार माओवादियों की तलाश के लिए सुरक्षार्किमयों ने आस-पास के इलाकों में तलाशी शुरू कर दी है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस कायराना हरकत को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस महानिरीक्षक ने इस दौरान बस्तर रेंज के सभी जवानों से मजबूत और दृढ़निश्चयी बने रहने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ”जब तक बस्तर नक्सलवाद की गिरफ्त से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता, हम नहीं रुकेंगे. आकाश राव और अन्य शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. उनकी विरासत शांति, समृद्धि और प्रगति के हमारे मिशन को प्रेरित करती रहेगी.” रायपुर जिले के निवासी 42 वर्षीय गिरपुंजे 2013 में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर भर्ती हुए थे. वह पिछले साल मार्च से कोंटा में एएसपी के पद पर कार्यरत थे.