बेंगलुरु में बाढ़ का कारण बनने वाली इमारतों को ध्वस्त किया जाए


बेंगलुरु: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बेंगलुरु के नगर निकाय अधिकारियों को वर्षा जल के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा डालने वाली और बाढ़ का कारण बनने वाली इमारतों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया है।
बेंगलुरु के विकास मंत्री का प्रभार भी संभाल रहे शिवकुमार ने शहर के उन इलाकों का दौरा किया, जहां हाल ही में हुई बारिश के दौरान बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। उन्होंने मान्यता टेक पार्क के नजदीक नालों का निरीक्षण किया, जिनकी वजह से हाल में बाढ़ आई थी।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और मैंने पहले ही बारिश प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लिया है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण जंक्शन है। समस्या यहीं से शुरू हुई और अब अन्य क्षेत्रों में भी फैल गई है।’’ उन्होंने कहा कि पानी के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा डालने वाले कुछ व्यक्तियों ने अदालत से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया है और यहां तक ??कि कुछ नगर निगम अधिकारी भी सहयोग नहीं कर रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए मैंने अधिकारियों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बाधा बनने वाली इमारतों को हटाने का निर्देश दिया है।’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या अन्यायपूर्ण कार्य करने का इरादा नहीं है।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘यहां मुद्दा यह है कि पानी का प्रवाह सुचारू रूप से होना चाहिए। इसीलिए मैंने स्वयं क्षेत्र का दौरा किया और निरीक्षण किया। स्थायी समाधान ढूंढना जरूरी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि तकनीकी कारणों से कोई गलती हुई है, तो हम मुआवजा देंगे।
हमें इस मुद्दे का स्थायी समाधान चाहिए। इसपर सभी सहमत हैं और हम अपना काम जारी रखेंगे।’’ शिवकुमार ने कहा कि बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के मुख्य आयुक्त एम महेश्वर राव को अतिक्रमण हटाने का पूरा अधिकार दिया गया है।