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अयोध्या: गंगा दशहरा पर राम मंदिर में ‘राजा राम’ और अन्य देव विग्रहों की हुई प्राण-प्रतिष्ठा

अयोध्या. अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर भगवान राजा राम, देवी सीता, भाई लक्ष्मण,भरत शत्रुघ्न और राम भक्त हनुमान से सजे राम दरबार का पूरे विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस अवसर पर राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में बने आठ मंदिरों में भी देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की गई.

इस आयोजन के दौरान शहर में उत्सव का माहौल रहा मंदिर परिसर को और आसपास के इलाकों को रंगीन रोशनी और फूलों से सजाया गया था. पुजारी भजनों और विस्तृत अनुष्ठानों के बीच राजा राम की लगभग पांच फुट ऊंची सफेद संगमरमर से बने विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर की पहली मंजिल पर एकत्र हुए. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुआ यह अनुष्ठान इस मंदिर में आयोजित दूसरा प्रमुख प्राण-प्रतिष्ठा समारोह था. इससे पहले, 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में राम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी.

बृहस्पतिवार का यह समारोह ‘अभिजीत मुहूर्त’ के दौरान हुआ. हिंदू पंचांग में इसे सबसे शुभ घड़ियों में से एक माना जाता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामकथा हेलीपैड पर उतरने के बाद सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने भगवान बजरंगबली की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की. हनुमानगढ़ी में पूजा के बाद वे राम जन्मभूमि मंदिर की ओर रवाना हुए. एक बयान के मुताबिक राम मंदिर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने भगवान राम की विधिवत पूजा की और उनकी आरती उतारी. इस दौरान मंदिर परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के जयकारे लगाए. मुख्यमंत्री ने भक्तों के साथ संवाद किया और उनका अभिवादन स्वीकार किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लिया. इस समारोह में मां सीता के साथ सिंहासन पर विराजमान भगवान राम, उनके साथ खड़े भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के विग्रहों के साथ-साथ भगवान हनुमान के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक विधि-विधान से संपन्न हुई. मुख्यमंत्री ने श्रीरामलला मंदिर के मुख्य परिसर में स्थित अन्य मंदिरों में भी गये, जहां विभिन्न देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई.

मंदिर में राम दरबार के अलावा परिसर में बने जिन आठ मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की गई उनमें परकोटे के उत्तर-पूर्व (ईशान) कोने में भगवान शिव, दक्षिण-पूर्व (अग्नि) कोने में भगवान गणेश, दक्षिणी शाखा में भगवान हनुमान, दक्षिण-पश्चिम कोने में सूर्य देव, उत्तर-पश्चिम (वायव्य) कोने में देवी भगवती और उत्तरी शाखा में देवी अन्नपूर्णा शामिल हैं. इन सभी मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा समारोह वैदिक रीति से संपन्न हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री ने हिस्सा लिया.

पारंपरिक नागर शैली में निर्मित यह मंदिर 360 फुट लंबा, 235 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा है. 2.77 एकड़ में फैले इस तीन मंजिला ढांचे में 392 नक्काशीदार खंभे, 44 दरवाजे और हिंदू देवी-देवताओं की शानदार नक्काशीदार प्रतिमाएं हैं. त्रिदिवसीय समारोह के अंतिम दिन प्रात? साढ़े छह बजे से आह्वानित देवताओं का यज्ञमंडप में पूजन प्रारम्भ हुआ जो दो घंटे चला. इसके पश्चात नौ बजे से हवन शुरू हुआ जो घंटे भर चला. बाद में केंद्रीयकृत व्यवस्था के अंतर्गत एक साथ सभी देवालयों में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान प्रारंभ हुआ.

जयपुर में सफेद संगमरमर से ‘राम दरबार’ को बनाया गया है. इसमें लगभग पांच फुट ऊंची राम की प्रतिमा के अलावा, देवी सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान की मूर्तियां भी हैं. वर्ष 2020 में शुरू हुए मंदिर निर्माण के पूर्ण होने की दिशा में यह एक और अहम पड़ाव है.

प्रशासन द्वारा उद्घाटन समारोह के दौरान वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध और मंदिर ट्रस्ट द्वारा बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न नौ बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच आगंतुकों को मंदिर में प्रवेश के लिए पास जारी न करने का निर्णय, भक्तों को रोकने में विफल रहा, जिनमें से कई नेपाल से भी आए थे, जो अयोध्या में ”राजा” के रूप में भगवान राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखने आए थे.

नेपाल की राजधानी काठमांडू के गोगन प्रसाद ऐसे ही एक भक्त थे. प्रसाद ने कहा, ”मैंने इस पल का लंबे समय से इंतजार किया है. मैं भगवान राम के दर्शन करने के अवसर के लिए एक साल से अधिक समय से प्रार्थना कर रहा था. अब वह इच्छा पूरी होगी.” प्रसाद भक्तों के एक बड़े समूह के साथ नेपाल से अयोध्या आए थे. भक्तों में एक मुस्लिम महिला भी शामिल थी, जो पारंपरिक परिधान बुर्का पहनकर आई थी और भजन गा रही थी. वह मंदिर में प्रवेश के लिए प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रही थी. श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी अनिल मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि यह समारोह देश के विभिन्न हिस्सों से आए धार्मिक विद्वानों की भागीदारी में वैदिक परंपराओं के अनुरूप संपन्न हुआ.

उन्होंने कहा, ”गंगा दशहरा का दिन एक नयी शुरुआत का प्रतीक होगा. यह वह पल होगा, जब सदियों की तपस्या, संघर्ष और आस्था का फल मूर्त रूप में प्रकट होगा.ह्व समारोह के दौरान स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों का मंदिर परिसर में तांता लगा रहा. इस कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ”अयोध्या के चारों ओर त्रि-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है. कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित सुरक्षा र्किमयों के साथ-साथ ड्रोन रोधी तकनीक, सीसीटीवी कैमरे और उन्नत निगरानी प्रणाली तैनात की गई है.”

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का दूसरा उत्सव आज अयोध्या में संपन्न हुआ. राम राज्य की ओर एक कदम.” अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम ने कहा, ”गंगा दशहरा पर किया गया कोई भी शुभ कार्य कई गुना फल देता है. शायद यही वजह है कि राम मंदिर ट्रस्ट ने राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए इस दिन को चुना.” अयोध्या में रसिक निवास मंदिर के मुख्य पुजारी महंत रघुवर शरण ने समारोह से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”इस साल गंगा दशहरा ऐतिहासिक होगा, क्योंकि 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद भगवान राम के ‘राजा राम’ स्वरूप को अयोध्या में राम मंदिर की पहली मंजिल पर औपचारिक रूप से प्रतिष्ठापित किया जाएगा.”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में अपने आवास पर विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद अयोध्या पहुंचे. वहां उन्होंने राम मंदिर में पूजा-अर्चना की, पहली मंजिल पर ‘राम दरबार’ के दर्शन किए और पास के हनुमानगढ़ी मंदिर भी गए. योगी ने सुबह ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ह्लप्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या धाम में आज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर श्रीराम दरबार सहित अष्ट देवालयों में पवित्र देव विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए आयोजित कार्यक्रम का साक्षी बनने का परम सौभाग्य प्राप्त हो रहा है. यह पावन अवसर ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की नूतन अभिव्यक्ति है. सियावर श्री रामचंद्र की जय!”

सनातन की मजबूत नींव पर आकार ले रहा विकसित भारत : योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष और मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज के 87वें जन्मदिन के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लिया. योगी ने इस दौरान अयोध्या के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की मजबूत नींव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत का संकल्प साकार हो रहा है तथा ‘डबल इंजन’ की सरकार के प्रयासों से अयोध्या में त्रेतायुगीन वैभव की वापसी हो रही है.

एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन अत्यंत अभिभूत करने वाला और आनंदमयी है. उन्होंने कहा, ”यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे पूज्य महंत नृत्यगोपाल दास जी के जन्मदिवस समारोह में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ. मैं उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं.” उन्होंने कहा कि पूज्य संतों की दिव्य साधना और आशीर्वाद के कारण ही भारत नए भारत के रूप में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिना रुके और डिगे विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में जुटे हैं.

मुख्यमंत्री ने राम मंदिर आंदोलन और प्राण प्रतिष्ठा के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद गत वर्ष 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई और आज रामदरबार एवं राम मंदिर में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य भी पूर्ण हुआ है.

उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण सनातन धर्म की मजबूत नींव का प्रतीक है. उन्होंने काशी, महाकाल, केदारपुरी और सोमनाथ मंदिरों के सौंदर्यीकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि इन मंदिरों पर सनातन धर्म की मजबूत नींव टिकी है. इस नींव पर मजबूत और भव्य भारत का निर्माण हो रहा है.

मुख्यमंत्री ने मणिरामदास छावनी के गौरवशाली इतिहास का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 18वीं सदी से 21वीं सदी तक, इस छावनी की 300 वर्षों की कठोर साधना का इतिहास रहा है. उन्होंने कहा कि साक्षात माता जानकी ने इस परंपरा के संत को दर्शन दिए, जिसके कारण यह परंपरा फली-फूली. उन्होंने कहा कि महंत नृत्यगोपाल दास के नेतृत्व में राम जन्मभूमि आंदोलन को सफलता मिली और आज अयोध्या विश्व की सुंदरतम नगरी के रूप में विकसित हो रही है.

मुख्यमंत्री ने ‘डबल इंजन’ सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अयोध्या में त्रेतायुगीन वैभव की वापसी हो रही है तथा रामायण में र्विणत चौड़ी सड़कों और बाग-उपवनों वाली अयोध्या आज साकार हो रही है. उन्होंने कहा कि पहले अयोध्या में रामभक्तों पर गोलियां चलती थीं, लेकिन आज श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत होता है.

उन्होंने अयोध्या के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि आज सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन चुकी है. उन्होंने कहा कि राम की पैड़ी पर पहले काई जमी होती थी, लेकिन अब सरयू का जल स्वच्छ रहता है, पांच लाख श्रद्धालु एक साथ राम की पैड़ी में स्नान कर सकते हैं, नया घाट से गुप्तार घाट तक घाटों की नयी शृंखला स्थापित हो चुकी है.

मुख्यमंत्री ने गंगा दशहरा और विश्व पर्यावरण दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज ही के दिन महाराज भगीरथ की तपस्या के फलस्वरूप देवनदी गंगा धराधाम पर अवतरित हुई थीं. उन्होंने कहा, ”मां गंगा हमारी मुक्ति और भुक्ति का कारक हैं.” उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि अयोध्या में सरयू के जल को स्वच्छ रखने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने अयोध्या के आधुनिक विकास कार्यों की जानकारी दी.

शिवा निषाद

संपादक- शिवा निषाद सरायपाली सिटी न्यूज मेन रोड, चेक पोस्ट, झिलमिला सरायपाली मो. 8871864161, 8319644944

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