सप्ताह में 60 घंटे से अधिक काम करने का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव संभव: समीक्षा


नयी दिल्ली: सप्ताह में 70-90 घंटे तक काम करने को लेकर जारी बहस के बीच शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा ने अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि इसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। समीक्षा में कहा गया कि अपने डेस्क पर लंबे समय तक समय बिताना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और जो व्यक्ति डेस्क पर प्रतिदिन 12 या उससे अधिक समय बिताता है, उसे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है।
समीक्षा में पेगा एफ, नफ्राडी बी (2021) और डब्ल्यूएचओ/आईएलओ के कार्य-संबंधी रोग के संयुक्त अनुमानों का हवाला देते हुए कहा गया, ‘‘काम पर बिताए गए घंटों को आमतौर पर उत्पादकता का एक उपाय माना जाता है, लेकिन पिछले अध्ययन ने साफ है कि सप्ताह में 55-60 घंटे से अधिक काम करने का सेहत पर प्रतिकूल असर हो सकता है।’’
सैपियन लैब्स सेंटर फॉर ‘ूमन ब्रेन एंड माइंड के एक अध्ययन का हवाला देते हुए, आर्थिक समीक्षा में कहा गया, ‘‘अपने डेस्क पर लंबे समय तक बैठना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जो व्यक्ति डेस्क पर 12 या उससे अधिक घंटे बिताते हैं, उन्हें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।’’