कांग्रेस ने ट्रंप के ‘संघर्ष विराम’ कराने के दावों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया

जयपुर. कांग्रेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संघर्ष को व्यापार के जरिए रुकवाने के बार-बार के दावों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी पर सोमवार को सवाल उठाया. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी के उस हालिया बयान पर कटाक्ष किया जिसमें उन्होंने बीकानेर में कहा था कि उनकी (मोदी की) ‘नसों में गर्म सिंदूर बहता है.’ सुरजेवाला ने सवाल किया, “अगर आपकी रगों में सिंदूर दौड़ता है तो व्यापार के आधार पर फैसला कैसे हो सकता है. इसका जवाब हिंदुस्तान की जनता मांग रही है.” वह सीमावर्ती बाड़मेर में आयोजित “जय हिंद सभा” को संबोधित कर रहे थे. कांग्रेस की ओर से इसका आयोजन भारतीय रक्षा बलों के सम्मान में किया गया था. सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस महीने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था.
रैली में कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा, सेना भर्ती और विदेश नीति को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर निशाना साधा और चिंता भी जताई. सुरजेवाला ने दावा किया कि जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों को महत्वपूर्ण बढ.त हासिल थी और पाकिस्तान का मनोबल टूट रहा था तब अमेरिका ने हस्तक्षेप किया और ‘संघर्ष विराम’ करवाया. कांग्रेस नेता ने कहा कि यह भारत के हितों के लिए हानिकारक था.
उन्होंने पूछा, “प्रधानमंत्री ने अमेरिका के खिलाफ क्यों नहीं बोला या स्थिति में उसकी भूमिका स्पष्ट क्यों नहीं की?” सुरजेवाला ने कहा कि इंदिरा गांधी ने 1971 के युद्ध के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन से भिड़ने की ताकत दिखाई थी. उन्होंने पूछा कि मोदी ने ट्रंप के खिलाफ ऐसा क्यों नहीं किया.
कांग्रेस नेता ने खुफिया जानकारी से निपटने के सरकार के तरीके पर भी सवाल उठाए. सुरजेवाला ने कहा कि 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले से पहले, पहलगाम में जमीन की सैटेलाइट तस्वीरें ली गईं और उन्हें उस कंपनी को बेच दिया गया जिसमें पाकिस्तान की हिस्सेदारी थी.
उन्होंने पूछा कि भारतीय खुफिया एजेंसियों और सरकार को इसकी जानकारी क्यों नहीं थी और संभावित खतरे को रोकने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए गए? सुरजेवाला ने सवाल किया, “यदि पहलगाम में गृहमंत्री अमित शाह सुरक्षा लगा देते तो यह हमला नहीं होता, लोगों की जान बच सकती थी.” उन्होंने कहा, “मोदी और भाजपा चाहती है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी यह सवाल न पूछें. यह सवाल तो पूछना ही पड़ेगा कि आखिर वह कौन सी गलती थी जिसकी वजह से पहलगाम में हमला हुआ? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अगर सरकार ने गलती की है और अगर सवाल प्रधानमंत्री से नहीं पूछा जाना चाहिए तो फिर किससे पूछा जाना चाहिए?” कांग्रेस नेता ने कहा कि सवाल करना राष्ट्र धर्म है, राष्ट्र के हित में है.
उन्होंने कहा, “यह पूछना आवश्यक है कि जब पाकिस्तान हमारे देश में आतंकवादी भेज रहा था और हमारी सेना पाकिस्तान से लड़ रही थी तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से पैसा कैसे मिल गया? वे पैसे लेकर हमारे खिलाफ इसका इस्तेमाल करेंगे. हमारी सरकार क्या कर रही है? क्या हमारे प्रधानमंत्री को कार्रवाई नहीं करनी चाहिए?” कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ये प्रश्न रक्षा बलों के हित में और उन्हें मजबूत करने के लिए पूछे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि फौज में दो लाख से अधिक रिक्तियां हैं और 50,000 अधिकारियों की कमी है, लेकिन इस बात का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है कि ये महत्वपूर्ण पद रिक्त क्यों हैं.
सुरजेवाला ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने माउंटेन स्ट्राइक फोर्स की स्थापना की थी, लेकिन एक दशक से अधिक समय से इसमें कोई भर्ती नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना भी विमानों और स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही है. उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार को पहलगाम मैदान के पर्यटकों के लिए खोले जाने की जानकारी नहीं थी, जबकि सैन्य अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि यह खुला रहता है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्होंने सर्वदलीय बैठक में झूठ बोला था.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा कि मोदी ने संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका पर अब तक कुछ नहीं कहा है. भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला करते हुए गहलोत ने संघ की देशभक्ति पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि आरएसएस मुख्यालय ने 80 साल तक राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया. गहलोत ने जयपुर में एक रैली के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज से अपना चेहरा पोंछने के लिए भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य की भी आलोचना की और दावा किया कि उन्हें तिरंगे के सम्मान की कोई समझ नहीं है. गहलोत ने पाकिस्तान के साथ अचानक संघर्ष विराम पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की.
उन्होंने सवाल किया, “लेकिन अचानक संघर्ष विराम हो गया जो समझ से पर है, क्योंकि ऐसा कभी होता नहीं है… किन शर्तों पर पाकिस्तान से संघर्ष विराम हुआ यह किसी को पता नहीं है, कम से कम देश को पता चलना चाहिए था कि कोई बातचीत चल रही थी.” पूर्व मुख्यमंत्री ने संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति की ‘भूमिका’ पर भी सवाल उठाया और कहा, “पंचायती करने वाला अमेरिका कौन होता है?” उन्होंने कहा कि देश बहुत ही खतरनाक समय से गुजर रहा है तथा केंद्र में भाजपा झूठ फैलाकर राज कर रही है, लेकिन जनता के लिए कुछ नहीं कर रही है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रधानमंत्री मोदी पर राजनीतिक लाभ के लिए सेना के शौर्य के पीछे छुपने का आरोप लगाया. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि पूरे देश को सशस्त्र बलों पर भरोसा है. उन्होंने संघर्ष विराम को लेकर केंद्र सरकार के स्तर पर पारर्दिशता की कमी पर सवाल उठाते हुए पूछा, “संघर्ष विराम कैसे और किन शर्तों पर तय हुआ?” पायलट ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ मध्य प्रदेश के एक मंत्री द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी की भी निंदा की और मंत्री के इस्तीफे और भाजपा नेतृत्व से माफी मांगने की मांग की.
कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों को कथित रूप से रोकने के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना की और सशस्त्र बलों को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, “आज भाजपा हमें देशभक्ति नहीं सिखाएं, क्योंकि इस देश की आजादी की लड़ाई कांग्रेस ने लड़ी है, इस देश की एकता और अखंडता के लिए कुर्बानियां कांग्रेस के नेताओं ने दी है.” नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने दावा किया कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं है और उसने सेना के हाथ बांध दिए हैं.