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लाइबेरियाई मालवाहक जहाज केरल तट के पास डूबा, आईसीजी ने तेल रिसाव उपशमन तेज किया

कोच्चि/नयी दिल्ली. केरल तट के पास लाइबेरियाई मालवाहक जहाज के डूबने के बाद, भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के निगरानी एवं रिसाव उपशमन प्रयासों के तहत घटनास्थल की निगरानी के लिए गश्ती जहाजों को तैनात किया गया है एवं प्रदूषण संबंधी कार्रवाई के लिए पोत समुद्र प्रहरी को लगाया गया है. केरल में अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि उसके कई कंटेनर बहकर तट पर आने लगे हैं, जिनमें से कुछ दक्षिणी कोल्लम और अलपुझा जिलों के तटों पर पाए गए हैं.

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा दिन में जारी एक बयान में कहा गया है, ”चूंकि तेल रिसाव के फैलने का खतरा है, इसलिए पूरे केरल तट पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.” लाइबेरियाई कंटेनर जहाज. – एमएससी एल्सा 3 – रविवार को कोच्चि तट के पास डूब गया. यह 640 कंटेनरों के साथ डूबा, जिसमें 13 खतरनाक कार्गो और 12 कैल्शियम कार्बाइड वाले थे.

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को बताया कि इसमें 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन ‘फर्नेस ऑयल’ भी भरा हुआ था.
मंत्रालय ने सोमवार को एक ताजा बयान में कहा कि कंटेनर जहाज के डूबने के कुछ घंटों बाद, भारतीय तटरक्षक बल के निगरानी विमान ने घटनास्थल पर ‘तेल का रिसाव’ पाया और आईसीजी ने ‘पूर्ण पैमाने पर प्रदूषण कार्रवाई अभियान’ शुरू कर दिया है.
मंत्रालय ने कहा कि आईसीजी ने हवाई उड़ानों और विशेष अन्य उपकरणों की मदद से निगरानी और रिसाव को कम करने के प्रयासों को तेज कर दिया है.

मंत्रालय ने कहा, ”दो गश्ती पोत (ओपीवी) चौबीसों घंटे निगरानी के लिए घटनास्थलपर मौजूद हैं, जबकि प्रदूषण कार्रवाई पोत समुद्र प्रहरी और अतिरिक्त ओपीवी को तैनात किया गया है.” मंत्रालय ने कहा कि आईसीजी ने लाइबेरियाई जहाज के डूबने के बाद ‘पूरे पैमाने पर प्रदूषण कार्रवाई अभियान’ शुरू किया, जो केरल के अलपुझा से लगभग 15 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में डूबा था.
उसने कहा, ”25 मई की सुबह तक, तेल की परत डूबने वाली जगह से 1.5 से 2 समुद्री मील की गति से पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर बहती देखी गई. समुद्र की खराब स्थिति और तेज. हवाओं ने कार्रवाई प्रयासों को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया.”

उसने कहा , ” 100 से अधिक कार्गो कंटेनर क्षेत्र में तैर रहे थे, उनमें से कुछ टूटकर अलग हो गए और उनमें से सामान बाहर निकल आया, ऐसी खतरनाक स्थिति के बावजूद, आईसीजी ने पूरी क्षमता से अपना अभियान जारी रखा. सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सभी गुजरने वाले जहाजों को मोड़ दिया गया है.” मंत्रालय ने कहा कि ‘मर्केंटाइल मरीन डिपार्टमेंट (कोच्चि)’ ने ‘मर्चेंट शिपिंग एक्ट’, 1958 के तहत पोत मालिकों–‘मेसर्स एमएससी’ को प्रदूषण दायित्व चेतावनी जारी की है. एमएससी ने कंटेनर रिकवरी, तेल हटाने और पर्यावरण सफाई के लिए ‘टीएंडटी साल्वेज’ को नियुक्त किया है.

आईसीजी ने कहा, ”आईसीजी ने केरल राज्य प्रशासन को तटरेखा सफाई के लिए तैयार रहने और स्थानीय समुदायों को सचेत करने की सलाह दी है कि वे किसी भी कार्गो या मलबे को न संभालें जो तट पर आ सकता है.” इससे पहले दिन में इस घटना के बाद स्थिति का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. यहां तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों और मछुआरों से सतर्क रहने का आग्रह करते हुए एक परामर्श जारी किया गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, अब तक नौ कंटेनर बहकर तट पर आ चुके हैं.

शिवा निषाद

संपादक- शिवा निषाद सरायपाली सिटी न्यूज मेन रोड, चेक पोस्ट, झिलमिला सरायपाली मो. 8871864161, 8319644944

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