मुख्यमंत्री भगवंत मान के ‘एक राष्ट्र, एक पति’ बयान पर विवाद


चंडीगढ. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के ‘एक राष्ट्र, एक पति’ वाले बयान को लेकर मंगलवार को राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन पर पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की विधवाओं का अपमान करने का आरोप लगाया. मान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर मंगलवार को भाजपा पर कटाक्ष किया और उसपर सिंदूर के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाया. मान ने पूछा कि क्या उसने ‘एक राष्ट्र, एक पति’ योजना शुरू की है.
मान की टिप्पणी को अपमानजनक बताते हुए केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों की विधवाओं का अपमान किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की. मान ने मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद पत्रकारों से वार्ता में ये टिप्पणी की. लुधियाना पश्चिम विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा द्वारा कथित रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम पर वोट मांगने के बारे में पूछे जाने पर मान ने कहा, ”वे सिंदूर के नाम पर वोट मांग रहे हैं. उन्होंने सिंदूर को मजाक में बदल दिया है. क्या आपने यह नहीं देखा?” मान ने कहा, ”अगर वे आपके घर सिंदूर लेकर आएं तो क्या आप मोदी के नाम का सिंदूर लगाएंगे. क्या यह ‘एक राष्ट्र, एक पति’ योजना है?” पंजाब की लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव 19 जून को होगा जबकि 23 जून को यहां मतगणना होगी.
भाजपा की पंजाब इकाई ने मान की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने ‘सारी सीमाएं पार कर दी हैं.’ भाजपा प्रवक्ता प्रीतपाल सिंह बलियावाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”यह ऑपरेशन आतंकवाद, शहादत और भारतीयों के जीवन की रक्षा के बारे में था. लेकिन शून्य संवेदनशीलता वाले व्यक्ति भगवंत मान इसे कैसे समझेगे? एक व्यक्ति जो भारतीय सेना का मजाक उड़ाता है, वीर नारियों का अपमान करता है, हर पवित्र प्रतीक को मजाक में बदल देता है, ऐसा व्यक्ति कभी भी सिंदूर का मूल्य नहीं समझेगा.”
इससे पहले दिन में जब कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग से यहां संवाददाताओं ने पूछा कि भाजपा ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर वोट मांग रही है तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि भाजपा घर-घर जाकर सिंदूर बांटना शुरू कर दे. वडिंग ने कहा कि अन्यथा, भाजपा के लोगों को पंजाब की महिलाओं के गुस्से का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि महिलाओं के सिंदूर पर केवल उनके पति का अधिकार है.